गांवों में रात को गायब रहती बिजली
शहर में तो फिर भी गनीमत है। गांवों में तो अक्सर पूरी रात के लिए बिजली गुल हो जाती है। कहीं ट्रांसफार्मर में खराबी तो कभी लाइन फाल्ट। दोनों सही हैं तो आकस्मिक कटौती का दंश झेलना उपभोक्ताओं की मजबूरी बन गया है।
पीलीभीत,जेएनएन : शहर में तो फिर भी गनीमत है। गांवों में तो अक्सर पूरी रात के लिए बिजली गुल हो जाती है। कहीं ट्रांसफार्मर में खराबी तो कभी लाइन फाल्ट। दोनों सही हैं तो आकस्मिक कटौती का दंश झेलना उपभोक्ताओं की मजबूरी बन गया है।
शासन की ओर से गांवों में 14 से 16 घंटे तक नियमित बिजली आपूर्ति कराने के आदेश हैं लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा है। शेड्यूल की रोस्टिग के साथ ही लगभग रोजाना इमरजेंसी कटौती भी खूब हो रही है। कभी ट्रांसफार्मर में खराबी तो कभी तार टूटने के कारण बिजली आपूर्ति बाधित हो जाती है। पिछले दिनों ललौरीखेड़ा में एक ट्रांसफार्मर फुंक गया। आधे गांव में कई दिन तक अंधेरा रहा। रविवार की शाम को बिलसंडा क्षेत्र के ईंटगांव में ट्रांसफार्मर फुंकने के कारण उपभोक्ताओं को रात अंधेरे में गुजारनी पड़ी। मरौरी विकास खंड के अंतर्गत आने वाले गांव बिलगवां में तो अक्सर बिजली गायब रहती है। इस गांव को काफी दूर स्थित भिकारीपुर से जोड़ा गया है। लाइन काफी लंबी होने की वजह से बिजली आपूर्ति की समस्या बनी रहती है। टिकरी फीडर पर तो 24 घंटे के दौरान कई बार रोस्टिग होती है। बरखेड़ा विकास खंड क्षेत्र के गांवों की भी कमोवेश यही स्थिति है। कलीनगर कस्बा है लेकिन फिर भी नियमित रूप से 16 घंटे बिजली नहीं मिल पा रही है। उपभोक्ताओं का कहना है कि अक्सर खराब ट्रांसफार्मर को बदलने में काफी समय लग जाता है। विद्युत वितरण खंड के अधिशासी अभियंता असीम कुमार का कहना है कि जो शेड्यूल तय है, उसी के हिसाब से रोस्टिग होती है। कई बार लोड बढ़ने पर कंट्रोल से इमरजेंसी रोस्टिग कर दी जाती है। स्थानीय स्तर पर किसी तरह की बिजली कटौती नहीं हो रही है।