गंदगी बेकाबू, सफाई कर्मचारी बने बाबू
पीलीभीत : सफाई कर्मचारियों की लापरवाही के चलते गांवों में सफाई व्यवस्था ठप पड़ी है। नालियों का गंदा प
पीलीभीत : सफाई कर्मचारियों की लापरवाही के चलते गांवों में सफाई व्यवस्था ठप पड़ी है। नालियों का गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है। अधिकांश सफाईकर्मी बाबू बन गए हैं ऐसे में गंदगी पूरी तरह से बेकाबू होती जा रही है। सफाई व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में सफाईकर्मियों की नियुक्ति की गई थी। अधिकारियों की उदासीनता के चलते अब गांवों में सफाईकर्मी नहीं पहुंच रहे हैं। अनेक सफाई कर्मियों को अफसरों ने अपने दफ्तरों से अटैच कर रखा है। कई से तो बाबूगीरी का काम लिया जा रहा है।पूरनपुर : गांवो की नालियां गंदगी से बजबजा रहीं हैं। सड़कों पर गंदा पानी बह रहा है। वहीं जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। अधिकतर सफाईकर्मी प्रधान के घर या स्कूल के आसपास सफाई कर वापस लौट जाते हैं। कई सफाई कर्मचारी अधिकारियों के यहां बाबूगिरी का काम कर रहे हैं। कर्मचारियों की मनमानी के चलते गांवों में बीमारियां फैल सकती हैं। गांव के सरकारी स्कूल व राजीव गांधी सेवा केंद्र गंदगी से पटे हुए हैं। कलीनगर के गांव जमुनिया, रानीगंज, नवदिया सुखदासपुर, रानीगंज, लक्ष्मीपुर, पिपरिया संतोष, मैनाकोट, करेलिया, चादूंपुर, भैरोकलां पूरनपुर के गांव सिमरिया, घुंघचाह, दिलावरपुर, जेठापुर, सबलपुर, खमरिया पट्टी, चांट फिरोजपुर, शेरपुरकलां, जोगराजपुर सहित कई गांवों में सफाई व्यवस्था ठप पड़ी है।
जोगराजपुर : कई गांव ऐसे हैं जहां सफाईकर्मी महीने में तीन चार दिन ही आते हैं। बाकी समय घर का काम देखते हैं। इनको ऊपर से नीचे तक के लोगों का संरक्षण प्राप्त रहता है। यही कारण है कि शिकायत करने के बावजूद इनका कुछ भी नहीं होता। सपहा, मनहिरया, चतीपुर, सुल्तानपुर, पजाबा, पिपरिया, नवदिया, निजामपुर, नजीरगंज आदि गांवों में गंदगी के अंबार लगे रहते हैं।
गढ़वाखेड़ा : ग्राम गोरा में सफाई के लिए 2 सफाईकर्मी लगाए गए हैं नालों में कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। अधिकांश नालियों की सफाई न होने से चोक हैं। गंदा पानी बह रहा है।
कलीनगर : तहसील क्षेत्र के अधिकांश गांवों में सफाई कर्मचारी पगार पाने को प्रधानों के यहां जी हुजूरी करने हर माह पहुंचते हैं। प्रधान गुलाबटांडा शेर मोहम्मद, प्रधान रमनगरा प्रशांत आदि ने बताया कि बरसात में गंदगी से बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ रहा है।
घुंघचाई : ग्राम पंचायतों में गंदगी सार्वजनिक स्थानों पर ना रहें, इसके लिए ग्राम पंचायतों में कूड़ादान दिए गए हैं लेकिन यह सभी ग्राम पंचायतों में नहीं लगे हैं। जिसके कारण सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी व कूड़ा कबाड़ नजर आ जाता है। गांव में सरकारी ठेली से कूड़ा ले जाया जाता है लेकिन यह ग्राम प्रधानों के निजी कामों में लगी हुई हैं। सांसद आदर्श गांव गुलड़िया भूप ¨सह से लेकर सिमरिया, शहबाजपुर, गोपालपुर, दिलावरपुर, कसगंजा, गरीबपुर आदि गांवों में गंदगी से बुरा हाल है।
शेरपुरकलां : 40 हजार की आवादी वाले शेरपुरकलां में चार कर्मी तैनात थे परन्तु अब कहीं एक भी कर्मी नजर नहीं आता है। नालों की तड़ीझाड़ सफाई न कराए जाने से समस्या बढ़ती जा रही है। सफाई कम और दिखावा अधिक किया जा रहा है। प्रधान का दावा है कि निजी कर्मी लगाकर साफ सफाई कराई जाती है। पजाबा, टंडोला, जटपुरा, लाह, गजरौला, हुसैनापुर, बिलहरी, रुद्रपुर, नौगवां आदि गांव भी गंदगी से पटे हुए हैं। सिमरिया: पूरनपुर नगर से सटे गांव सिमरिया ता महाराजपुर में सालों से सफाई कर्मचारी नहीं आ रहा है। गली मुहल्लों में जगह जगह कूड़ों का ढेर व नालियों में भरी गंदगी से गर्मी में मच्छर भी पनप रहे हैं।
बीसलपुर : तहसील क्षेत्र के ग्रामों की सफाई व्यवस्था है। क्षेत्र के ग्राम दियोरिया कला में पिछले एक वर्ष से सफाई कर्मचारी ही तैनात नहीं किया गया। जिससे गांव में जगह जगह गंदगी फैली हुई है। ग्रामवासी
कई बार गांव में सफाईकर्मी की तैनाती किए जाने की मांग विभागीय अधिकारियों से कर चुके हैं परंतु अभी तक इस ओर ध्यान नहीं दिया गया है। विकास खंड क्षेत्र के कुल 123 राजस्व ग्रामों की सफाई व्यवस्था का हाल अच्छा नहीं है। सफाई कर्मचारी ग्राम प्रधानों के क्षेत्र में ही सप्ताह में एक आध बार सफाई कर चले जाते हैं। अमरिया : विकास खंड के ग्राम पंचायत बांसखेड़ा मे गांव में सफाई नहीं हो रही है। गांव की सड़कें गंदगी से पटी पढ़ी हैं बही नालियों भी टूटी होने से सड़कों पर कीचड़ भरी पड़ी है। जरा सी बरसात में निकलना मुश्किल हो जाता है। बरसात में संक्रामक रोग फैलने का खतरा उत्पन्न हो सकता है।