सच्चाई से जुदा कोविड टीकाकरण के आंकड़े
पीलीभीतजेएनएन तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है। मगर ये आंकड़े झूठे हैं दावा किताबी है। शायर अदम गोंडवी की ये पंक्तियां जनपद के रिकार्ड तोड़ कोविड-19 टीकाकरण पर सटीक बैठती दिख रही हैं। एक ओर प्रदेश की शीर्ष रैंकिग पर बैठकर वाहवाही लूटी जा रही है वहीं दूसरी ओर पूरनपुर के घुंघचाई स्थित गन्ने के खेत में कोविड-19 वैक्सीनेशन में प्रयुक्त होने वाली पैकेट बंद 70 सिरिज सुनियोजित ढंग से फेंकी पाई जा रही हैं। यही नहीं बिना वैक्सीन की डोज लगवाए लोगों के मोबाइल पर बज रही मैसेज टोन रिकार्ड टीकाकरण के दूसरे पक्ष की ओर इशारा कर रही है। 16 जनवरी 2021 से शुरू हुए कोविड-19 टीकाकरण अभियान का दिसंबर 2021 में एकाएक पहली बार लाखों में ग्राफ पहुंचना फर्जी टीकाकरण की आशंका जाहिर कर रहा है। रिकार्ड बनाने में व्यस्त जिम्मेदार कोविड-19 टीकाकरण की भौतिक सच्चाई जानने से बहुत पीछे रह गए।
पीलीभीत,जेएनएन: तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है। मगर ये आंकड़े झूठे हैं, दावा किताबी है। शायर अदम गोंडवी की ये पंक्तियां जनपद के रिकार्ड तोड़ कोविड-19 टीकाकरण पर सटीक बैठती दिख रही हैं। एक ओर प्रदेश की शीर्ष रैंकिग पर बैठकर वाहवाही लूटी जा रही है, वहीं दूसरी ओर पूरनपुर के घुंघचाई स्थित गन्ने के खेत में कोविड-19 वैक्सीनेशन में प्रयुक्त होने वाली पैकेट बंद 70 सिरिज सुनियोजित ढंग से फेंकी पाई जा रही हैं। यही नहीं बिना वैक्सीन की डोज लगवाए लोगों के मोबाइल पर बज रही मैसेज टोन रिकार्ड टीकाकरण के दूसरे पक्ष की ओर इशारा कर रही है। 16 जनवरी 2021 से शुरू हुए कोविड-19 टीकाकरण अभियान का दिसंबर 2021 में एकाएक पहली बार लाखों में ग्राफ पहुंचना फर्जी टीकाकरण की आशंका जाहिर कर रहा है। रिकार्ड बनाने में व्यस्त जिम्मेदार कोविड-19 टीकाकरण की भौतिक सच्चाई जानने से बहुत पीछे रह गए। पोर्टल व मैनुअल डाटा में पाया फर्क: कोविड-19 टीकाकरण का डाटा कोविन पोर्टल पर अपलोड होता है। डीएम को मैनुअल रिपोर्ट बनाकर भेजी जाती है। पिछले कई माह तक पोर्टल के डाटा व मैनुअल डाटा में काफी अंतर देखने को मिलता रहा। तत्कालीन सीएमओ डा. सीमा अग्रवाल ने बेहतर स्थिति दिखाने के लिए मैनुअल डाटा को बढ़ा चढ़ाकर पेश करना शुरू कर दिया। डीएम को जानकारी मिली तो पोर्टल व मैनुअल डाटा दोनों की जांच कराई जाने लगी। केवल दिसंबर में कैसे बढ़ा टीकाकरण: 16 जनवरी 2021 से शुरू हुआ टीकाकरण नवंबर आखिरी सप्ताह से 17 दिसंबर तक काफी तेजी से बढ़ा। 27 नवंबर से 3 दिसंबर तक 1,12,853, 4 दिसंबर से 10 दिसंबर तक 1,27,932 व 11 दिसंबर से 17 दिसंबर तक 1,90,480 डोज लगाई गईं। इससे पहले पूरी साल कभी इतना टीकाकरण नहीं हुआ जबकि सख्ती कई बार हुई। इससे पहले सर्वाधिक टीकाकरण 4 से 10 सितंबर के बीच 95,809 दर्ज किया गया था। लाखों की संख्या में बढ़े टीकाकरण की भौतिक स्थिति आंकड़ों से जुदा है। प्रथम डोज में वोटर लिस्ट का हुआ इस्तेमाल: दरअसल अक्टूबर में टीकाकरण की रफ्तार काफी मंद पड़ गई जिस पर डीएम ने कड़ी नाराजगी जाहिर की, इसके बाद वोटर लिस्ट का भरपूर दुरुपयोग कर मनमर्जी से पोर्टल पर प्रथम डोज टीकाकरण कराया गया। हालांकि इस दौरान वास्तविक टीकाकरण जरूर बढ़ा लेकिन लक्ष्य पूरा करने के दबाव में फर्जी टीकाकरण आंकड़ें चढ़ाने का तरीका इजाद कर लिया गया। आन साइट पंजीकरण की सुविधा ने राहत दिलाई। आईडी में वोटर लिस्ट, पहले से उपलब्ध आधार कार्ड संख्या, वृद्धावस्था पेंशन कार्ड, राशन कार्ड आदि की जानकारी अंकित कर आशा, आंगनबाड़ी व स्वास्थ्य कर्मियों के मोबाइल नंबर से टीकाकरण प्रदर्शित किया गया। केस स्टडी--
केस 1- भारतीय जनता युवा मोर्चा के मंडल अध्यक्ष राहुल सिघल ने सात जनवरी को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को लिखित शिकायत दी जिसमें उनके व क्षेत्र के कई अन्य लोगों के मोबाइल पर आ रहे वैक्सीनेशन का जिक्र था। राहुल के मोबाइल पर भी छह जनवरी सायं तीन बजकर सात मिनट पर डोज लगने का मैसेज आया जबकि उनके द्वारा नहीं लगवाई गई थी। केस 2- बरखेड़ा विधायक किशनलाल राजपूत के पुत्र के साथ उनका ड्राइवर 12 जनवरी को बर्न यूनिट पहुंचे। दोनों ने वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाने के लिए पोर्टल पर अपने आइडी नंबर से लाग इन कराया। इस दौरान चालक की दूसरी डोज पोर्टल पर पहले से चढ़ी मिली। इस पर हंगामा शुरू हुआ लेकिन स्वास्थ्य अधिकारियों ने मामले को संभालते हुए दूसरी आइडी से चालक के दूसरी डोज लगवा दी। वर्जन--
टीकाकरण में पारदर्शिता रखी जा रही है। खेत में सिरिज मिलने के मामले में प्रभारी चिकित्साधिकारी से जवाब मांगा गया है। बूथों का निरीक्षण कर टीकाकरण बढ़ाने के प्रयास हो रहे हैं।
- डा. आलोक कुमार, सीएमओ