ट्रेनों में बढ़ रही पूर्णागिरि यात्रियों की भीड़
मां पूर्णागिरि धाम का मेला शुरू हो जाने के बाद अब जंक्शन पर यात्रियों की रौनक दिखाई देने लगी है। हालांकि टनकपुर के लिए अभी सिर्फ दो ट्रेनों का ही संचालन हो रहा है। मेला स्पेशल ट्रेन अभी शुरू नहीं हो सकी है।
पीलीभीत,जेएनएन : मां पूर्णागिरि धाम का मेला शुरू हो जाने के बाद अब जंक्शन पर यात्रियों की रौनक दिखाई देने लगी है। हालांकि टनकपुर के लिए अभी सिर्फ दो ट्रेनों का ही संचालन हो रहा है। मेला स्पेशल ट्रेन अभी शुरू नहीं हो सकी है।
होली के तुरंत बाद से ही पूर्णागिरि धाम में मेला शुरू हो जाता है। प्रदेश के साथ ही दूसरे राज्यों से पूर्णागिरि यात्रा पर निकलने वाले तमाम लोग यहीं से होकर टनकपुर तक की यात्रा पूरी करते हैं। कोरोना काल से पहले तक रेलवे जंक्शन पर पूर्णागिरि यात्रियों की भारी भीड़ रहा करती थी। पिछले साल कोरोना के चलते मेला बीच में ही रोक दिया गया। साथ ही ट्रेनों का संचालन भी बंद हो गया था। इस बार सिर्फ एक महीने तक मेला चलने की घोषणा चंपावत जिला प्रशासन ने की है। वर्तमान में टनकपुर के लिए ट्रेने भी सिर्फ दो संचालित की जा रही हैं। एक विशेष पूर्णागिरि जन शताब्दी एक्सप्रेस और दूसरी टनकपुर पैसेंजर जो हर स्टेशन पर रुकती है लेकिन यात्रियों को किराया एक्सप्रेस का देना पड़ता है। दूसरी ओर पूर्णागिरि के लिए यात्री अधिक संख्या में उमड़ रहे हैं। यह मेला शुरू होने के पहले तक स्थिति यह रही कि काफी कम संख्या में ही इन ट्रेनों में यात्री नजर आते थे। स्टेशन के प्लेटफार्म सूने पड़े रहते थे लेकिन अब वहां काफी रौनक देखने को मिल रही है। स्टेशन अधीक्षक धर्मेंद्र कुमार के अनुसार पूर्णागिरि मेला के कारण यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। एक तो ट्रेनों की संख्या सिर्फ दो और दूसरे टनकपुर जाने वाली बसें यात्रियों से खचाखच। ऐसे में चौराहों पर भटकते यात्री जैसे ही किसी बस को आते देखते हैं तो उसमें घुसने के लिए आपाधापी होने लगती है। कई बार बरेली या शाहजहांपुर की ओर से आने वाली बस पहले से ही खचाखच भरी होती है तो इंतजार करने वाले यात्रियों को मायूस होना पड़ता है।
होली के अगले दिन से ही पूर्णागिरि के लिए यात्री उमड़ने लगे हैं। टनकपुर के लिए सिर्फ दो ट्रेनों का संचालन हो रहा है। ऐसे में तमाम यात्री टनकपुर तक का सफर बस या फिर किसी अन्य वाहन में सवार होकर पूरा करते हैं। बाहर से आने वाले तमाम यात्री टनकपुर जाने के लिए नौगवां चौराहा या फिर छतरी चौराहा पर सड़क किनारे खड़े होकर बसों की प्रतीक्षा करते हैं। गर्मी के साथ ही अंधड़ चलने से ऐसे यात्रियों को काफी दिक्कतें होती हैं। क्योंकि वहां पर छाया का कोई इंतजाम नहीं है। टनकपुर जाने वाली कोई बस जैसे ही इन चौराहों पर आकर रुकती है तो यात्रियों में आपाधापी मच जाती है। हर यात्री चाहता है कि जल्दी के बस में प्रवेश पाकर सीट पर कब्जा जमा लें। दिक्कत तब और बढ़ जाती है, जब बस पहले से ही खचाखच भरी होती है और उसमें कोई सीट खाली नहीं होती। ऐसे में यात्री मायूस होकर दूसरी बस का इंतजार करने लगते हैं। ऐसे में यात्रियों के लिए टनकपुर तक का सफर दुश्वारियों से भरा हो गया है।