हजारा में नहीं थम रहा फसल और भूमि का कटान
ट्रांस शारदा क्षेत्र में कटान रुकने का नाम नहीं ले रहा है। परकोपाइन (लकड़ी का ढांचा) लगाकर कटान रोकने की कवायद की जा रही हैलेकिन सफलता नहीं मिल पा रही है। फसल समेत जमीन नदी में समा जाने से किसान बदहवास हैं। पुख्ता कार्य कराने की मांग उठाई है।
पीलीभीत,जेएएन : ट्रांस शारदा क्षेत्र में कटान रुकने का नाम नहीं ले रहा है। परकोपाइन (लकड़ी का ढांचा) लगाकर कटान रोकने की कवायद की जा रही है,लेकिन सफलता नहीं मिल पा रही है। फसल समेत जमीन नदी में समा जाने से किसान बदहवास हैं। पुख्ता कार्य कराने की मांग उठाई है।
हजारा क्षेत्र के गांव राणाप्रतापनगर और श्रीनगर के बीच शारदा नदी पिछले एक सप्ताह से कटान कर रही है। नदी ने श्रीनगर, राणाप्रतापनगर, चिरैया टोला, कबीरगंज की आबादी और वहां के किसानों की जमीन को अपने निशाने पर ले रखा है। गन्ना, मक्का और धान की फसल समेत जमीन लगातार नदी काटकर अपने आगोश में ले रही है। अब तक कई एकड़ फसल समेत जमीन शारदा नदी में विलय हो चुकी है। बाढ़ खंड की तरफ से कटान को रोकने के लिए परकोपाइन में झाड़ झंकाड़ भरकर उसे नदी के किनारे पर लगाया जा रहा है, लेकिन राहत नहीं मिल पा रही है। बचाव कार्य बेकार साबित हो रहे हैं। नदी के प्रवाह के सामने जमीन रात और दिन कट कर शारदा में विलय होती जा रही है। फसलों समेत जमीन नदी में समाने से ग्रामीण कराह उठे हैं। बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता शैलेश कुमार ने बताया कि मजदूरों को लगाकर बचाव कार्य कराया जा रहा है। कटान धीरे धीरे रुकेगा। वहां मजदूरों की संख्या भी बढ़ा दी गई है। नदी के प्रभाव के आगे लगातार कटान हो रहा है। अब तक कई किसानों की जमीन नदी में आ चुकी है। शीघ्र ही पुख्ता कार्य कराए जाने चाहिए।
रणजीत सिंह
परकोपाइन में झाड़ झंकाड़ भरकर लगाया जा रहा है, इससे कटान नहीं रुक पा रहा है। नदी लगातार फसलों समेत जमीन का कटान कर रही है।
इकबाल अगर इसी तरह से कटान होता रहा तो किसानों की जमीन जल्द ही नदी में समा जाएगी। अधिकारियों को ध्यान देकर पुख्ता कार्य कराने चाहिए।
राजपत
एक सप्ताह से नदी ने गन्ना और मक्का की फसल समेत कई एकड़ जमीन का कटान कर लिया है। किसान जमीन और फसल नदी में समा जाने से चितित हैं।
गुड्डू