सीडीओ से जुड़े वाट्सएप ग्रुप पर विवादित पोस्ट
पीलीभीतजेएनएन चुनावी माहौल के बीच इंटरनेट मीडिया पर प्रचार- प्रसार तेज हो गया है। इंटरनेट मीडिया पर जारी चुनावी जंग के बीच जनपद में एक वाट्सएप ग्रुप पर सत्तारूढ़ राजनीतिक दल का प्रचार करने का मामला तूल पकड़ गया। ग्रुप में मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) का सीयूजी नंबर जोड़कर उन्हें एडमिन बनाया गया था जिस कारण समाजवादी पार्टी के नेता पूर्व राज्यमंत्री ने प्रशासनिक अधिकारी के विरुद्ध आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। हालांकि मामले की जानकारी होते ही सीडीओ ने ग्रुप की सदस्यता को छोड़ दिया। रविवार की रात 10 बजकर 21 मिनट पर विधानसभा चुनाव मिशन 2022 के नाम से बने वाट्सएप ग्रुप पर भारतीय जनता पार्टी के प्रचार से संबंधित वीडियो डाला गया। इसके साथ ही ग्रुप पर कुछ धार्मिक टिप्पणियां करता हुआ पोस्ट भी फारवर्ड कर भेजा गया। इसे लेकर जनपद में चर्चाएं शुरू हो गईं। विपक्षी नेताओं में मौका मिलते ही प्रशासन के विरुद्ध जुबानी घेराबंदी शुरू कर दी।
पीलीभीत,जेएनएन: चुनावी माहौल के बीच इंटरनेट मीडिया पर प्रचार- प्रसार तेज हो गया है। इंटरनेट मीडिया पर जारी चुनावी जंग के बीच जनपद में एक वाट्सएप ग्रुप पर सत्तारूढ़ राजनीतिक दल का प्रचार करने का मामला तूल पकड़ गया। ग्रुप में मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) का सीयूजी नंबर जोड़कर उन्हें एडमिन बनाया गया था, जिस कारण समाजवादी पार्टी के नेता पूर्व राज्यमंत्री ने प्रशासनिक अधिकारी के विरुद्ध आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। हालांकि मामले की जानकारी होते ही सीडीओ ने ग्रुप की सदस्यता को छोड़ दिया। रविवार की रात 10 बजकर 21 मिनट पर विधानसभा चुनाव मिशन 2022 के नाम से बने वाट्सएप ग्रुप पर भारतीय जनता पार्टी के प्रचार से संबंधित वीडियो डाला गया। इसके साथ ही ग्रुप पर कुछ धार्मिक टिप्पणियां करता हुआ पोस्ट भी फारवर्ड कर भेजा गया। इसे लेकर जनपद में चर्चाएं शुरू हो गईं। विपक्षी नेताओं में मौका मिलते ही प्रशासन के विरुद्ध जुबानी घेराबंदी शुरू कर दी। सपा नेता एवं पूर्व राज्यमंत्री हेमराज वर्मा ने ग्रुप पर सीडीओ की मौजूदगी के कारण जिलाधिकारी व राज्य निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज करते हुए कार्रवाई की मांग की है। हालांकि सीडीओ ने पूरे मामले पर अनभिज्ञता जताते हुए अपनी बात सामने रखी है। वर्जन--
मेरे सीयूजी नंबर से संचालित वाट्सएप अकाउंट पर निजता संबंधी पाबंदी नहीं लगी हैं। लिहाजा कोई भी व्यक्ति उस नंबर को किसी भी ग्रुप में जोड़ पाता है। ऐसा ही इस मामले में हुआ है। मेरी सहमति लिए बिना मुझे ग्रुप में जोड़कर एडमिन बना दिया गया। सूचना मिलते ही मेरे द्वारा तत्काल ग्रुप छोड़ दिया गया। ग्रुप बनाने वाले की जानकारी निकाल ली गई है। ग्रुप में भेजी गई सामग्री से मेरा कोई संबंध नहीं है। संबंधित के विरुद्ध उचित कार्रवाई के कराई जाएगी।
- प्रशांत कुमार श्रीवास्तव, सीडीओ