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तराई में पारा धड़ाम, कंपकंपा उठे लोग

मौसम का मिजाज तो बुधवार को दोपहर बाद से ही बदलने लगा था लेकिन गुरुवार की सुबह जब लोग सोकर उठे तो वातावरण में कोहरा छाया हुआ था। कुछ देर बाद कोहरा तो छंट गया तब आसमान पर बादल उमड़ आए। देखते ही देखते पूरा आसमान बादलों से आच्छादित हो गया। धूप नहीं खिली और साथ ही सर्द हवाएं चलने लगीं। इससे तापमान में गिरावट आने के साथ ही ठिठुरन बढ़ गई। सुबह से समय तमाम बच्चे ठिठुरते हुए अपने स्कूलों में पहुंचे।

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Dec 2019 06:16 PM (IST)Updated: Thu, 12 Dec 2019 06:16 PM (IST)
तराई में पारा धड़ाम, कंपकंपा उठे लोग
तराई में पारा धड़ाम, कंपकंपा उठे लोग

जागरण संवाददाता, पीलीभीत : मौसम का मिजाज तो बुधवार को दोपहर बाद से ही बदलने लगा था लेकिन गुरुवार की सुबह जब लोग सोकर उठे तो वातावरण में कोहरा छाया हुआ था। कुछ देर बाद कोहरा तो छंट गया, तब आसमान पर बादल उमड़ आए। देखते ही देखते पूरा आसमान बादलों से आच्छादित हो गया। धूप नहीं खिली और साथ ही सर्द हवाएं चलने लगीं। इससे तापमान में गिरावट आने के साथ ही ठिठुरन बढ़ गई। सुबह से समय तमाम बच्चे ठिठुरते हुए अपने स्कूलों में पहुंचे। दोपहर में कुछ देर तक बूंदाबांदी भी हुई। ठंड और बढ़ गई है। कई स्थानों पर लोग दिन के समय आग जलाकर ठिठुरन से राहत पाने का प्रयास करते दिखे।

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राजकीय कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. शैलेंद्र सिंह ढाका ने पंतनगर स्थित कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग के हवाले से बताया कि पड़ोसी राज्य उत्तराखंड की ऊंची पहाड़ियों पर भारी बर्फबारी हो रही है। मैदानी इलाकों में कई जगह बारिश हुई। फिलहाल तो बूंदाबांदी हुई है, लेकिन देर रात में अथवा शुक्रवार को दिन में अच्छी बारिश होने की संभावना है। तापमान में और गिरावट आएगी। डॉ. ढाका के अनुसार गुरुवार को अधिकतम तापमान घटकर 19.2 डिग्री रह गया। बुधवार की रात न्यूनतम तापमान 7.8 डिग्री रिकॉर्ड किया गया था,लेकिन गुरुवार की रात इसमें और गिरावट आएगी। उन्होंने बताया कि शनिवार को भी आसमान पर बादल छाए रहेंगे। हालांकि शनिवार को बारिश होने की कोई संभावना नहीं है। उधर मौसम के बिगड़े मिजाज के कारण ठंड के आम जनजीवन प्रभावित रहा। शाम को बाजार में रौनक नहीं दिखी। रैन बसेरा के नाम पर रस्म अदायगी

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हर साल नगर पालिका परिषद की ओर से रेलवे स्टेशन के निकट स्थित धर्मशाला की एक कोठरी में रैन बसेरा बना दिया जाता है। इस साल भी यही हुआ। वहां बिजली की कोई व्यवस्था नहीं है। फर्श पर पुआल डालकर गद्दे बिछा दिए गए हैं। कोठरी इतनी छोटी है कि दो लोगों के अधिक के सोने की गुंजाइश ही नहीं है। हालांकि नगर पालिका परिषद के अधिकारियों का कहना है कि इसी धर्मशाला में ही रैन बसेरा बनता रहा है, इसीलिए वहां फिर बनाया गया। अभी वहां पर कोई रात गुजारने नहीं पहुंचा है। रैन बसेरा में जल्द ही सुविधाएं और बढ़ाई जाएंगी। अभी तो कहीं नहीं दिखते अलाव

नगर पालिका परिषद का दावा है कि छह स्थानों पर अभी तक अलाव की व्यवस्था हो चुकी है। सर्दी बढ़ने के साथ ही अलाव की संख्या बढ़ाई जा रही है लेकिन शहर में फिलहाल किसी चौराहा पर रात में अलाव नहीं देखा जा रहा है। नगर पालिका परिषद की अधिशासी अधिकारी निशा मिश्रा का कहना है कि जल्द ही सभी निर्धारित स्थानों पर लगाए जाने वाले अलाव का निरीक्षण किया जाएगा।


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