बदहाल हो जाएगी शहर की सफाई व्यवस्था
सफाई व्यवस्था की बदहाली से जूझते शहर में अगर सफाईकर्मियों की संख्या कम करने की बात की जाए तो यह बात हर शहरवासी को चितित करने वाली है। पीलीभीत नगरपालिका कुछ ऐसा ही करने जा रही है। नगरपालिका ठेका सफाईकर्मियों की संख्या कम करने जा रही है जिसके लिए लिखित निर्देश दिए जा चुके हैं।
जागरण संवाददाता, पीलीभीत: सफाई व्यवस्था की बदहाली से जूझते शहर में अगर सफाईकर्मियों की संख्या कम करने की बात की जाए तो यह बात हर शहरवासी को चितित करने वाली है। पीलीभीत नगरपालिका कुछ ऐसा ही करने जा रही है। नगरपालिका ठेका सफाईकर्मियों की संख्या कम करने जा रही है, जिसके लिए लिखित निर्देश दिए जा चुके हैं। नगरपालिका प्रशासन का तर्क है कि नगरपालिका की आय कम है और इतने अधिक कर्मचारियों का वेतन निकाल पाना संभव नहीं है।
शहर में हर तरफ गंदगी का साम्राज्य है। डेंगू से दर्जनों मौतें हो चुकी हैं। शहरवासी जगह बिखरी पड़ी गंदगी और इस गंदगी से पैदा होने वाली बीमारियों को लेकर चितित हैं। जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव दो बार साइकिल से शहर की सफाई व्यवस्था का निरीक्षण कर चुके हैं। शहर विधायक संजय गंगवार शहर की दुर्दशा से मुख्यमंत्री को अवगत करा चुके हैं। नगर विकास विभाग के संयुक्त सचिव आरके ओझा नगर का दौरा कर चुके हैं। बावजूद इसके हालात आज भी लगभग वही हैं। आज भी नगर के मुख्य मार्गों पर दोपहर तक गंदगी बिखरी रहती है, आज भी नगर की कई कॉलोनियों में नियमित सफाईकर्मी नहीं पहुंचते हैं, आज भी नगर के कई मुहल्ले गंदगी से पटे पड़े हैं। ऐसे में नगरपालिका द्वारा सफाईकर्मियों की संख्या कम किए जाने का निर्णय सवाल खड़े करता है। ठेका सफाईकर्मियों की संख्या कम किए जाने के पीछे नगरपालिका का तर्क है कि पालिका की आय कम है और नगरपालिका इतने कर्मचारियों के वेतन का बोझ उठा पाने में सक्षम नहीं है। लगभग 2 लाख की आबादी वाले शहर को मानकों के हिसाब से 560 सफाईकर्मियों की आवश्यकता है। प्रति 10 हजार नागरिकों पर 28 सफाईकर्मी होने चाहिए, जबकि पीलीभीत नगरपालिका के पास स्थायी और ठेका मिलाकर वर्तमान में 500 सफाईकर्मी भी नहीं हैं। बड़ा सवाल यह है कि जब शहर की सफाई व्यवस्था के अभी यह हालात हैं तो सफाईकर्मियों की संख्या कम होने पर क्या होगा। कई सफाईकर्मियों द्वारा ठीक से अपनी सेवाएं न दिए जाने और कई बार ड्यूटी से अनुपस्थित रहने की बात भी सामने आई है।
नगरपालिका की आय कम है। भविष्य में ठेका सफाईकर्मियों की संख्या 250 रखे जाने का लिखित निर्देश दिया जा चुका है। कर्मचारियों की संख्या कम होने से सफाई व्यवस्था प्रभावित नहीं होने दी जाएगी। सफाई कार्यों की सख्ती से निगरानी की जाएगी।
-निशा मिश्रा, अधिशासी अधिकारी नगरपालिका परिषद मानकों के हिसाब से नगरपालिका के पास सफाईकर्मी कम हैं, लेकिन नगरपालिका की आय भी कम है। हम कर्मचारियों की छंटनी के साथ साथ नगरपालिका की आय बढ़ाने का प्रयास भी कर रहे हैं। सफाईकर्मियों की उपस्थिति की समय समय पर जांच होगी और अनुपस्थित पाए जाने पर कार्रवाई होगी।
-विमला जायसवाल, नगर पालिकाध्यक्ष