जंगल किनारे 2.23 करोड़ से होगी चेनलिक फेंसिग
टाइगर रिजर्व के माला व महोफ रेंज में आबादी के निकट स्थित जंगल किनारे चेनलिक फेंसिग कराई जाएगी। सोलर फेंसिग सफल नहीं होने के कारण इस विधि अपनाया जाएगा क्योंकि जंगल के आसपास स्थित गांवों में अक्सर वन्यजीव पहुंच जाते हैं। जिससे मानव-वन्यजीव संघर्ष के हालात बनते हैं। इसे कम करने के लिए टाइगर रिजर्व प्रशासन 2 करोड़ 23 लाख रुपये खर्च करके नई व्यवस्था करने जा रहा है।
पीलीभीत,जेएनएन : टाइगर रिजर्व के माला व महोफ रेंज में आबादी के निकट स्थित जंगल किनारे चेनलिक फेंसिग कराई जाएगी। सोलर फेंसिग सफल नहीं होने के कारण इस विधि अपनाया जाएगा, क्योंकि जंगल के आसपास स्थित गांवों में अक्सर वन्यजीव पहुंच जाते हैं। जिससे मानव-वन्यजीव संघर्ष के हालात बनते हैं। इसे कम करने के लिए टाइगर रिजर्व प्रशासन 2 करोड़ 23 लाख रुपये खर्च करके नई व्यवस्था करने जा रहा है।
पिछले साल टाइगर रिजर्व के माला रेंज में मानव-वन्यजीव संघर्ष की कई घटनाएं हुईं। इस दौरान आधा दर्जन से अधिक लोगों की बाघ के हमले में मौत हो गई तथा कई अन्य ग्रामीण घायल हुए। इसी साल ट्रैंकुलाइज किए जाने के बाद एक बाघ की भी मौत हो गई थी। ऐसे में माला रेंज के जंगल के निकट स्थित गांव काफी संवेदनशील हो गए। जउन इलाकों में जंगल से निकलकर वन्यजीव न पहुंच सके। इसी के लिए अब चेनलिक फेंसिग कराने का निर्णय लिया गया है। पिछले साल शासन को इसका प्रस्ताव भेजा गया था। जिसे मंजूरी मिल चुकी है। साथ ही महोफ रेंज के जंगल के आसपास भी अनेक गांव हैं। दो साल पहले यहां भी बाघ हमले की कई घटनाएं हो चुकी हैं। कई बार बाघ जंगल से निकलकर आबादी की ओर जा चुका है। ऐसे में यहां भी चेनलिक फेंसिग कराई जाएगी। पहले चरण में फिलहाल कुल दस किमी जंगल के किनारे यह कार्य होना है। इनसेट
ऐसे होगी चेनलिक फेंसिग
जंगल किनारे चेनलिक फेंसिग के लिए आठ फुट ऊंचे सीमेंट के पिलर खड़े किए जाएंगे। नीचे मजबूत जाल रहेगा और उसके ऊपर चेनलिक बनाई जाएगी। इससे बाघ और तेंदुआ समेत अन्य छोटे वन्यजीव भी जंगल से बाहर नहीं निकल सकेंगे। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि यह चेनलिक बिल्कुल वैसी ही होगी, जैसी चिड़िया घरों में वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए बनाई जाती है। इनसेट
चेनलिक फेंसिग काफी कारगर साबित होगी। सोलर फेंसिग की व्यवस्था सफल नहीं रही। सोलर फेंसिग अक्सर किसी पेड़ की टहनी गिर जाने या लकड़ी चोरों द्वारा तार काटने से बेकार हो जाती थी लेकिन चेनलिक फेंसिग पूरी तरह कारगर और सुरक्षित रहेगी।
प्रवीण खरे, उप प्रभागीय वनाधिकारी पीलीभीत टाइगर रिजर्व