अमरिया में बाघ की दहशत से गन्ना कटाई बाधित
चीनी मिलों में पेराई शुरू होने के ही गन्ना कटाई में भी तेजी आई है। किसान और मजदूर बाघ की दहशत के बीच खेतों में गन्ना की कटाई कर रहे हैंलेकिन कभी-कभी बाधित भी रहता है। क्षेत्र में कभी मानव-वन्यजीव संघर्ष की स्थिति नहीं आईलेकिन किसान पूरी सतर्कता बरतते हैं। सबसे अधिक गन्ने का क्षेत्र देवहा नदी किनारे सूरजपुर भूड़ा कैमोर रसूला जगत हिमकनपुर हरदासपुर कटैया पंडरी कटमटा कटमटी पैरी फार्म शुक्ला फार्म कैलाश नदी किनारे खली नवादा तक है।
पीलीभीत,जेएनएन : चीनी मिलों में पेराई शुरू होने के ही गन्ना कटाई में भी तेजी आई है। किसान और मजदूर बाघ की दहशत के बीच खेतों में गन्ना की कटाई कर रहे हैं,लेकिन कभी-कभी बाधित भी रहता है। क्षेत्र में कभी मानव-वन्यजीव संघर्ष की स्थिति नहीं आई,लेकिन किसान पूरी सतर्कता बरतते हैं। सबसे अधिक गन्ने का क्षेत्र देवहा नदी किनारे सूरजपुर भूड़ा कैमोर रसूला जगत हिमकनपुर हरदासपुर कटैया पंडरी कटमटा कटमटी पैरी फार्म शुक्ला फार्म कैलाश नदी किनारे खली नवादा तक है। इसी क्षेत्र में बाघ कुनबे के साथ लंबे समय से प्रवास किए हुए हैं। जहां हर समय बाघों का मूवमेंट बना रहता है। आए दिन बाघों की चहलकदमी रहती है। खौफ के साए में गन्ने की कटाई हो रही है। किसानों ने बताया बाघों को लेकर लंबे समय से दिक्कतें हैं लेकिन सतर्क रहकर काम करते हैं। अब तो आदत पड़ गई है। वन विभाग सुरक्षा को लेकर कोई उपाय नहीं कर सका है। सुरक्षा अपने आप करनी पड़ रही है। दिन छुपने से पहले काम बंद कर दिया जाता है। समूह बनाकर गन्ने की कटाई करते हैं।शाम होने से पहले काम बंद कर घरों को चले जाते हैं।
किसान अवतार सिंह कहते हैं कि एक दशक से क्षेत्र में बाघ प्रवास किए हुए हैं। खौफ के साए में गन्ने की कटाई हो रही है।
सोहनलाल कहते हैं कि देवहा नदी किनारे गन्ने की फसल अधिक है। बाघ लगातार चहलकदमी करते रहते हैं।
ओमकार सिंह बताते हैं कि अक्सर खेतों पर बाघ के पग चिह्न दिख जाते हैं। ऐसे में आहट लेते हुए सजग रहकर खेती का काम करना पड़ता है।
आत्मजोत सिंह का कहना है कि नदी किनारे गन्ने की खेती अधिक है। ड्यूनीडाम क्षेत्र से निकल कर बाघ घूमते रहते हैं।