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हिसक वन्यजीवों से गन्ने की कटाई प्रभावित

चीनी मिलों के चालू होने से किसानों को गन्ने की पर्चियां मिलना शुरू हो गई हैं। लेकिन बराही जंगल से निकल कर क्षेत्र मे विचरण कर रहे बाघ रीछ के भय से गन्ने की कटाई छिलाई प्रभावित हो रही है। वन विभाग भी निगरानी के नाम की औपचारिकता कर रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Nov 2020 11:11 PM (IST)Updated: Tue, 17 Nov 2020 11:11 PM (IST)
हिसक वन्यजीवों से गन्ने की कटाई प्रभावित

पीलीभीत,जेएनएन : चीनी मिलों के चालू होने से किसानों को गन्ने की पर्चियां मिलना शुरू हो गई हैं। लेकिन बराही जंगल से निकल कर क्षेत्र मे विचरण कर रहे बाघ, रीछ के भय से गन्ने की कटाई छिलाई प्रभावित हो रही है। वन विभाग भी निगरानी के नाम की औपचारिकता कर रहा है।

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कलीनगर तहसील क्षेत्र मे बराही जंगल से निकले बाघ ,रीछ आदि हिसक वन्यजीव काफी दिनों से हल्लीडेगा, केसरपुर, डगा ,उगनपुर गांव के अलावा खटीमा और कलीनगर मार्ग से भी देखे जा रहे हैं। पिछले तीन दिनों से एक बाघिन शावकों के साथ बंद चल रही खारजा नहर के अंदर देखी जा रही है। मंगलवार को नहर में मछली का शिकार करने पहुंचे पड़ोस वाले गावों के लोग बाघिन को देख कर भाग निकले। इसकी जानकारी मिलने पर सामाजिक वानिकी के वन दारोगा अजमेर सिंह ने टीम के साथ तलाशी अभियान चलाया। क्षेत्र के किसान हिसक वन्यजीवों को जंगल की ओर खदेड़ने की मांग कर रहे हैं।

माधोटांडा के पूर्व प्रधान पति अब्दुल खलीक खां का कहना है कि खारजा नहर पुल से आगे खटीमा वाले तिराहा के सामने ही बाग और खेत है। आसपास गन्ने के खेतों मे रोजाना ही बाघ आ रहा है। पालतू पशुओं की रात भर जागकर पहरेदारी करनी पड़ रही है।बाघ के भय से गन्ने की कटाई को मजदूर नही मिलते हैं।

शाकिर अली उर्फ बब्बू पठान ने बताया कि बाइफरकेशन जाने वाले रोड मे जंगल शुरू होता है। उसके पूरब दिशा में हमारा फार्म है। रोजाना वन्यजीवों का पीछा करता हुआ बाघ आ जाता है। विगत शाम को जुताई करते समय पड़ोस वाले गन्ने के खेत से बाघ निकल कर सामने आकर खड़ा हो गया ।

उस्मान खां ने बताया कि काफी दिनों से डगा गांव के आसपास बाघिन शावकों के साथ खारजा नहर तथा गांव के करीब खेतों मे घूम रही है। उसके भय से गन्ना की कटाई को मजदूर तैयार नहीं हो रहे हैं। गांव के एक लडके को दो साल पहले बाघ ने मार डाला था। वन विभाग वाले भी इस मुसीबत से छुटकारा नहीं दिला रहे हैं।

इकबाल सिंह का कहना है केसरपुर गांव में फार्म हाउस है। हमारी जमीन खारजा नहर से सटी हुई हैं।हमारी गन्ने की पर्चियां आने लगी हैं।सोमवार को शाम करीब चार बजे गन्ने की कटाई कर रहे मजदूर बाघ की दहाड़ सुनकर भाग आए। हम लोगों ने काफी पटाखे चलाए तब मजदूरों ने काम शुरू किया।


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