बिनौर फार्म के पास लगेगा जाल और ट्रैप कैमरे
पूरनपुर हाईवे स्थित बिनौर फार्म के नजदीक बाघ की लगातार चहलकदमी के मद्देनजर टाइगर रिजर्व प्रशासन ने सुरक्षा का मसौदा तैयार कर लिया है। तकरीबन एक किलोमीटर के दायरे में जाल लगवाया जाएगा। साथ ही बाघ की गतिविधियों की निगरानी के लिए ट्रैप कैमरे लगवाए जाएंगे। टाइगर रिजर्व प्रशासन की ओर से शासन को प्रस्ताव भेजा गया है।
जासं,पीलीभीत : पूरनपुर हाईवे स्थित बिनौर फार्म के नजदीक बाघ की लगातार चहलकदमी के मद्देनजर टाइगर रिजर्व प्रशासन ने सुरक्षा का मसौदा तैयार कर लिया है। तकरीबन एक किलोमीटर के दायरे में जाल लगवाया जाएगा। साथ ही बाघ की गतिविधियों की निगरानी के लिए ट्रैप कैमरे लगवाए जाएंगे। टाइगर रिजर्व प्रशासन की ओर से शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। शासन की ओर से प्रस्ताव के तहत बजट मंजूर किए जाने के बाद यह काम शुरू किया जा सकेगा।
टाइगर रिजर्व की माला रेंज में पूरनपुर हाईवे स्थित बिनौर फार्म के आसपास पर पिछले कई दिनों से बाघ की चहलकदमी देखी जा रही है। दो मर्तबा बाघ हाईवे के किनारे आ जाने से यातायात ही ठप हो गया था। वाहन चालकों में अफरा तफरी का माहौल हो गया था। गजरौला थाना प्रभारी निरीक्षक नरेश कश्यप फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए थे। पुलिस ने पहले तो राहगीरों को वहां से हटवाया फिर पुलिस गाड़ी का सायरन बजाने पर बाघ को जंगल की तरफ चला गया था। हालांकि वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंचकर पगमार्क ट्रैस करती रही है। माला रेंज में ही गांव सुहास, सहराई, माला कॉलोनी, बंगाली कॉलोनी आदि में भी बाघ की चहलकदमी देखी गई है। इस दौरान बाघ ने कई पशुओं को भी शिकार बनाया था। बाघ की लगातार चहलकदमी से इलाके के लोगों में दहशत का माहौल है। साथ ही खेती किसानी कार्य भी प्रभावित हो रहा है। बाघ की दहशत के कारण किसान और मजदूर खेतों पर जाने से परहेज करते रहे हैं। टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर डॉ. एच राजा मोहन ने इस मामले की रिपोर्ट तलब की, जिसके बाद टाइगर रिजर्व प्रशासन ने बाघ से सुरक्षा के लिए मसौदा तैयार किया। टाइगर रिजर्व प्रशासन की ओर से बिनौर फार्म के आसपास तकरीबन एक किलोमीटर के दायरे में जाल तथा ट्रैप कैमरे लगवाए जाएंगे। --वर्जन--
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माला और महोफ रेंज में चार ऐसे स्थानों को चिन्हित किया गया है, जहां बाघ की लगातार चहलकदमी देखी गई है। माला रेंज में बिनौर फार्म के पास एक किलोमीटर एरिया में जाल तथा ट्रैप कैमरे लगाने के संबंध में प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। शासन की ओर से प्रस्ताव के मद्देनजर बजट आवंटित किए जाने के बाद उक्त कार्य शुरू करा दिया जाएगा। दरअसल जाल लगाकर बाघ के मूवमेंट को रोका जा सकता है, जिससे बाघ को भी किसी तरह का नुकसान नहीं होगा। वहीं ट्रैप कैमरे के जरिये बाघ के व्यवहार को आसानी से देखा जा सकेगा।
- डॉ. एच राजामोहन, फील्ड डायरेक्टर, पीटीआर