दो साल बाद भी नहीं बढ़ी ट्रेनों की संख्या
पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जतनगर मंडल के पीलीभीत-बरेली सिटी रेलखंड पर बड़ी लाइन होने के बावजूद ट्रेनों की संख्या नहीं बढ़ाई गई।
पीलीभीत : पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जतनगर मंडल के पीलीभीत-बरेली सिटी रेलखंड पर बड़ी लाइन की ट्रेनों के संचालन को दो साल का समय पूरा हो चुका है। अभी तक कोई नई ट्रेन की शुरुआत नहीं हो सकी है। ऐसे में बड़ी रेल लाइन की ट्रेनों का जनपदवासियों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। मजबूरन यात्रियों को रोडवेज बसों का सहारा लेना पड़ रहा है। तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने पीलीभीत रेलवे स्टेशन पर 14 दिसंबर 2016 को पीलीभीत-बरेली सिटी रेलखंड पर पैसेंजर ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। 16 दिसंबर से नियमित ढंग से ट्रेनों का संचालन शुरू हो पाया था। मौजूदा समय में पीलीभीत से बरेली सिटी रेलखंड पर ट्रेनों को चलते हुए दो साल का समय पूरा हो चुका है, लेकिन अभी तक किसी भी ट्रेन की बढ़ोतरी नहीं की गई। पीलीभीत से रात 9:35 बजे पैसेंजर ट्रेन बरेली सिटी के लिए रवाना होती थी, जिसे एक अक्टूबर को बंद करके डेमू ट्रेन का संचालन शुरू किया गया। इस समय पांच जोड़ी पैसेंजर ट्रेनें चलाई जा रही हैं जो सिर्फ लोकल ही चल रही हैं। दो साल के अंतराल में रेलवे विभाग ने एक भी ट्रेन नहीं बढ़ा सका, जिससे जनपदवासियों में रोष है। महानगरों के लिए चलाई जाएं ट्रेनें
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ब्राडगेज की ट्रेनें बढ़ने से समाज का सर्वांगीण विकास हो सकता है। पंद्रह साल पहले माल का परिवहन होता था। जनपद में राइस मिलें, शुगर फैक्ट्री समेत अन्य औद्योगिक आस्थान संचालित हो रहे हैं। चार महीने पहले शाही रेलवे स्टेशन के पास मालगोदाम निर्माण के लिए जमीन फाइनल हो गई थी। अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। पैसेंजर ट्रेनों से कुछ नहीं हो रहा है। महानगरों के लिए एक्सप्रेस व मेल ट्रेनों का संचालन किया जाए। हमारा यही दुर्भाग्य है कि अभी तक दो साल में एक भी एक्सप्रेस व मेल ट्रेनों का तोहफा नहीं मिल सका है। टनकपुर से दिल्ली, प्रयागराज तक बाया बरेली से ट्रेनों का संचालन किया जा सकता है। पीलीभीत अथवा टनकपुर से मुंबई, त्रिवेणी एक्सप्रेस, आला हजरत एक्सप्रेस ट्रेन को चलाया जा सकता है, जिससे जनपद की जनता को लाभ पहुंचेगा। ट्रेन का रूट सस्ता और सुगम है, तो सरकार के लिए फायदेमंद है। एक जनपद-एक उत्पाद योजना में मालगाड़ी के माध्यम से सीधे बांस को मंगाया जा सकेगा। अभी बांस मंगाने में दिक्कत हो रही है। जनपद में 100 राइस मिलें, 50 फ्लोर मिल, चार चीनी मिल संचालित हो रही है। ऐसे में रेलवे को राजस्व मिलेगा।
-सीए संजय अग्रवाल, जिलाध्यक्ष इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन पीलीभीत।