Move to Jagran APP

बाघों के हमले से बचाएगी यह खुशबूदार फसल, इनसे दूर रहते हैं वन्य जीव

खेतों में खुशबूदार फसल होगी तो तृणभोजी वन्य जीव वहां से दूर भागेंगे तो बाघों का ठिकाना भी वहां नहीं होगा। ऐसे में मानव-बाघ संघर्ष कम होगा।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 07 Aug 2019 02:37 PM (IST)Updated: Wed, 07 Aug 2019 11:07 PM (IST)
बाघों के हमले से बचाएगी यह खुशबूदार फसल, इनसे दूर रहते हैं वन्य जीव
बाघों के हमले से बचाएगी यह खुशबूदार फसल, इनसे दूर रहते हैं वन्य जीव

पीलीभीत [मनोज मिश्रा]। टाइगर रिजर्व के आसपास खुशबूदार पौधों की फसल बाघों के हमले से बचाएगी। दरअसल, जंगली सुअर या नीलगाय आदि भोजन की तलाश में खेतों तक पहुंच जाते हैं। उनके शिकार के लिए बाघ भी आ जाते हैं। वहीं ठिकाना बना लेते हैं। जब ग्रामीण अपने खेतों में काम के लिए पहुंचते हैं तो बाघ उन पर भी हमला कर देते हैं। खेतों में खुशबूदार फसल होगी तो तृणभोजी वन्य जीव वहां से दूर भागेंगे तो बाघों का ठिकाना भी वहां नहीं होगा। ऐसे में मानव-बाघ संघर्ष कम होगा।

loksabha election banner

बाघ संरक्षण के लिए काम करने वाली संस्था डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी नरेश कुमार कहते हैं कि जहां-जहां खूशबूदार फसलों की खेती हुई है, वहां मानव-बाघ संघर्ष की घटनाएं कम हुईं हैं। जब तृणभोजी वन्य जीव खुशबूदार फसलों के कारण खेतों तक नहीं आएंगे तो बाघों वहां नहीं आएंगे। राजकीय कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. शैलेंद्र सिंह ढाका का कहना है कि बाघों की जिंदगी जरूरी है और किसानों की भी। उनमें टकराव न हो इसके लिए ऐसी फसल की जाए, जहां बाघ न आएं। ग्रामीण इसे अपना रहे हैं। 

ये फसलें उपयोगी

टाइगर रिजर्व के जंगल से सटे गांव ढक्का, चांट, खिरकिया बरगदिया, धुरिया पलिया में अनेक किसानों ने लेमनग्रास, पामारोजा, खस, सिट्रोनेला और जिरेनियम जैसी फसल उगाने की तैयारी की है। ये सारी फसलें उपयोगी हैं।

कई संस्थाएं कर रहीं सहयोग

बाघों के हमले कम करने के लिए ऐसी फसलें लगाई जाएं, इसके लिए नाबार्ड ने राजकीय कृषि विज्ञान केंद्र की मदद ली। ग्रामीणों को जागरूक किया। प्रोत्साहन के तौर पर नाबार्ड ऐसे किसानों को साल भर पौध, बीज, उर्वरक, कीटनाशक आदि निश्शुल्क उपलब्ध कराएगा।

साल में तीन बार काटी जाएगी फसल

खुशबू वाले पौधों की खेती का सबसे बड़ा फायदा तो यही है कि इसे एक बार लगाने के बाद तीन बार फसल काटी जा सकती है। फसल की कटाई अक्टूबर, मार्च और जून में होती है।

गन्ने के खेत में सबसे ज्यादा हमले

टाइगर रिजर्व किनारे के खेतों में अभी सबसे ज्यादा गन्ना की फसल की जाती है। वहां जंगली सुअर, नीलगाय आदि पहुंचते हैं। इनके शिकार के लिए बाघ भी गन्ने के खेत में डेरा डाल लेते हैं। पिछले एक साल में 8 किसानों पर हमले तभी हुए, तब वे अपने गन्ने के खेत में गए। बाघ वहां सुअर आदि के शिकार के लिए छिपता है। अचानक ग्रामीण खेत पर पहुंचते हैं तो उन पर भी हमला कर देता है।

अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.