तीन माह बाद केला उत्पादकों को मिल रहे अच्छे दाम
तीन माह बाद केले की फसल करने वाले किसानों को सही दाम मिलना शुरू हुआ है। अब तक केला बाहर न जाने से बेहद कम कीमत पर उन्हें बिक्री करना पड़ रहा था।
पीलीभीत,जेएनएन : तीन माह बाद केले की फसल करने वाले किसानों को सही दाम मिलना शुरू हुआ है। अब तक केला बाहर न जाने से बेहद कम कीमत पर उन्हें बिक्री करना पड़ रहा था।
रमनगरा क्षेत्र में बड़ी संख्या में किसान सब्जी की फसल का उत्पादन करते हैं। यहां उत्पादित होने वाली सब्जी दिल्ली के साथ उत्तराखंड आदि के शहरों में जाती है। यहां बैंगन, लौकी, परवल, तरबूज, खरबूज और खीरा के अलावा किसान एक बड़े रकबे में केले की खेती करते हैं। सब्जी की खेती से किसानों को काफी अच्छा मुनाफा होता है। पिछले तीन माह पहले सब्जी दिल्ली न जाने के कारण स्थानीय मंडी में इसकी बिक्री हो रही थी। दाम ठीक से न मिल पाने के कारण सब्जी उत्पादक किसान लागत तक न निकल पाने की बात कह रहे थे। अब सब्जी दिल्ली और उत्तराखंड जाने से किसानों को अच्छा मूल्य मिल रहा है। किसान भी फसल का उत्पादन करने में रुचि ले रहे हैं। वर्तमान समय में परवल और परोरा की रोपाई खेतों में की जा रही है। साथ ही शारदा की तलहटी के में तरबूज, खीरा व खरबूज और लौकी सहित कई अन्य सब्जी उगाई जा रही है। तीन माह पहले के और अब सब्जियों के दामों में काफी अंतर हो गया है। केला दिल्ली के अलावा स्थानीय मंडी में भी बिक्री हो रहा है।
सुजीत मजूमदार
शारदा नदी के किनारे तरबूज, खरबूज और लौकी की खेती बाहर से आए लोग कर रहे हैं। रोजाना ही बड़ी संख्या में यह सामान बाहर भेजा जा रहा है।
कालीपद मंडल
यहां की सब्जी उत्तराखंड सबसे अधिक जा रही है। वहां सब्जी के अच्छे दाम मिल जाते हैं। व्यापारी आकर सब्जी ले जा रहे हैं।
असीम मंडल
चार माह पहले दिल्ली सब्जी न जाने के कारण काफी कम दाम मिल रहे थे। अब कुछ व्यापारी आ जाते हैं जो केला, तरबूज, खरबूज आदि लेकर दिल्ली जाते हैं।