भूसे पर महंगाई की मार से परेशान पशुपालक
पीलीभीतजेएनएन खाद्य पदार्थों के साथ-साथ पेट्रोल डीजल की बढ़ी कीमतों से पशुपालक पहले से ही परेशान हैं। भूसे की बढ़ी कीमत से वह और हलकान हो गए हैं। भूसा एक हजार रुपये प्रति क्विंटल के भाव पहुंच गया है। भूसे की महंगाई से पशुपालकों का बजट गड़बड़ा गया है।
पीलीभीत,जेएनएन: खाद्य पदार्थों के साथ-साथ पेट्रोल डीजल की बढ़ी कीमतों से पशुपालक पहले से ही परेशान हैं। भूसे की बढ़ी कीमत से वह और हलकान हो गए हैं। भूसा एक हजार रुपये प्रति क्विंटल के भाव पहुंच गया है। भूसे की महंगाई से पशुपालकों का बजट गड़बड़ा गया है।
जनपद में गेहूं का रकबा कम होने की वजह से भूसे की पैदावार पर भी असर पड़ा है। पशुपालकों द्वारा समुचित भंडार से उनके लिए दिक्कतें खड़ी हो गई हैं। उन्हें अपने पशुओं के लिए दो वक्त का चारा का इंतजाम करना मुश्किल साबित हो रहा है। पिछले दो महीने में भूसे के दामों में उछाल आया है। भूसे की कीमतों के बढ़ने का मुख्य कारण जनपद में गेहूं की खेती के कम कर दिया जाना है। किसान इस समय गन्ने की खेती करना मुनाफे का सौदा मान रहा है।
पराली का करते भंडारण तो नहीं होती दिक्कत
तराई में धान की अच्छी पैदावार होती हैं। यहां के किसान हाथ से धान काटने की वजह मशीनों द्वारा धान की कटाई करते हैं। उसके बाद उसकी पराली को आग लगा देते हैं। किसान यदि धान की पराली को जलाने के बजाय उसका भंडारण करते तो वह उनके पशुओं के लिए चारा का काम करता। पराली जलाने पर प्रशासन ने बहुत सख्ती दिखाई। उसके बाद भी लोगों ने इसका भंडारण नहीं किया, जिसका खामियाजा अब उन्हें चारे की कमी के रूप में सामने आ रहा है। स्वस्थ पशु को कितना आहार देना चाहिए
स्वस्थ पशु को एक दिन में 6 से 9 किलोग्राम सूखा भूसा 20 से 25 किलो हरा चारा देना चाहिए। पशु स्वस्थ रहे इसके लिए डेढ़ किलो दाना खिलाना खिलाना चाहिए। गाय जो तीन लीटर तक दूध दे रही है उसे एक किलो दाना देना चाहिए और भैंस को ढाई किलो दाना दिया जाना चाहिए यदि गाय भैंस तीन लीटर से अधिक दूध देती है तो उसका दाना की मात्रा बढ़ानी चाहिए। तीन माह से अधिक गर्भवती गाय को स्वस्थ रहने के लिए एक किलो दाना वही भैंस को डेढ़ किलो दाना देना चाहिए जिससे कि स्वास्थ्य ठीक रहे।
पहले से ही महंगाई की मार झेल रहा हूं अब भूसे की बढ़ी कीमतों बजट गड़बड़ा दिया है। पशुओं के लिए चारे का संकट खड़ा हो हो गया है। भूसा की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। जिससे पशु के लिए चारा जुटाना मुश्किल हो रहा है।
सतनाम सिंह, डेरी स्वामी गेहूं की कटाई कंबाइन द्वारा कराए जाने से भोसा की किल्लत हुई है। हास्य गेम की कटाई होने पर गेहूं का भूसा अधिक निकलता है। कंबाइन से गेहूं कटाई पर मशीन द्वारा भूसा बनाया जाता है। वह कम बनता और इसे पशु मन से नहीं खाते हैं।
कुंवर बहादुर, डेरी स्वामी ढकिया
जनपद में गेहूं की कटाई अधिकतर किसान कंबाइन द्वारा कराते हैं। जिस वजह से उसे की किल्लत हो जाती है। इस बार गेहूं की नरई से मशीन द्वारा भूसा कम बना। इस वजह से भी भूसे का संकट है।
देवदत्त, भूसा कारोबारी फैक्ट फाइल
3.76: पशु है जनपद में
2009: गोवंश है गोशाला में
30: गोशाला है जनपद में किसान गेहूं की खेती कम करने लगा है। जिस वजह से यहां भूसे की समस्या हो गई है। किसानों ने यदि धान की पराली का भंडारण कर लिया होता तो उन्हें चारे की दिक्कत नहीं होती। स्वस्थ पशु दिन में 6 से 9 किलोग्राम भूसा देना चाहिए।
अरविद कुमार, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी