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खामियों को देखकर भड़के एडीआरएम

पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर मंडल के एडीआरएम इंफ्रास्ट्रक्चर आशीष अग्रवाल ने बुधवार को स्थानीय जंक्शन का निरीक्षण कर यात्री सुविधाओं की हकीकत को परखा। इस दौरान उन्होंने पार्किंग पैनल रूम प्लेटफॉर्म पर सफाई व्यवस्था फुट ओवरब्रिज शौचालय आदि का निरीक्षण किया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Mar 2020 11:16 PM (IST)Updated: Wed, 04 Mar 2020 11:16 PM (IST)
खामियों को देखकर भड़के एडीआरएम

जागरण संवाददाता, पीलीभीत: पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर मंडल के एडीआरएम इंफ्रास्ट्रक्चर आशीष अग्रवाल ने बुधवार को स्थानीय जंक्शन का निरीक्षण कर यात्री सुविधाओं की हकीकत को परखा। इस दौरान उन्होंने पार्किंग, पैनल रूम, प्लेटफॉर्म पर सफाई व्यवस्था, फुट ओवरब्रिज, शौचालय आदि का निरीक्षण किया। इस मौके पर उन्होंने स्थानीय अफसरों को सुधार के निर्देश देते हुए कहा कि सफाई व्यवस्था का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। निरीक्षण के दौरान प्लेटफार्म दो व तीन पर निर्माण कार्य में खामियां पाए जाने पर उन्होंने आईडब्ल्यू महाराज सिंह व संजीव भारती से कड़ी नाराजगी जताई। प्लेटफार्म पर कई जगह जल निकास की समुचित व्यवस्था न होने पर उन्होंने निर्माण विभाग के अफसरों को जल्द सुधार कराए जाने के निर्देश दिए।

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एडीआरएम रेलवे की पार्किंग पर पहुंचे। अव्यवस्थाओं को देखकर उनका पारा चढ़ गया। पार्किंग स्थल पर सफाई नहीं मिलने से उन्होंने ठेकेदार की फटकार लगाते हुए पार्किंग की सफाई करवाने के निर्देश दिए। ठेकेदार के रजिस्टर का आंकलन भी किया। जंक्शन पर बनेगी ई-रिक्शा की पार्किंग

स्थानीय जंक्शन पर ई-रिक्शा पार्किंग न होने की वजह से चालक अव्यवस्थित ढंग से जंक्शन के बाहर ई-रिक्शा खड़ा कर देते हैं। इस कारण जंक्शन पर पहुंचने वाले यात्रियों को तमाम मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। एडीआरएम ने स्थानीय जंक्शन पर ठेका प्रक्रिया कर जल्द पार्किंग बनाए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इससे विभाग को भी आय होगी व ई-रिक्शा भी व्यवस्थित ढंग से खड़े होंगे।

टंकी बूथ तो बना दिया लेकिन पानी निकास का इंतजाम नहीं

स्टेशन अधीक्षक धर्मेंद्र कुमार ने एडीआरएम से शिकायत करते हुए कहा कि विभाग द्वारा पानी की टंकी के बूथ बनाए गए हैं जिसमें पानी निकास का कोई इंतजाम नहीं है। स्टेशन अधीक्षक की शिकायत पर एडीआरएम ने जांच की तो शिकायत सही पाई गई। पानी के बूथ तो बने थे लेकिन निकास को लेकर कोई प्रावधान नहीं किया गया। उन्होंने निर्माण विभाग के अफसरों को निर्देशित करते हुए कहा जल्द ही इस प्रकार की खामियों को दूर किया जाए।

इनसेट-

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खाद्य पदार्थों की एक्सपायरी की चेक

प्लेटफार्म पर पहुंच कर उन्होंने खाद्य पदार्थ की वस्तुओं की एक्सपायरी जांच की। स्टेशन अधीक्षक को निर्देशित करते हुए कहा कि सभी वेंडरों का औचक निरीक्षण करवाएं कि वेंडर उपभोक्ताओं को बिल देते हैं या नहीं। यदि बिल नहीं देते हैं तो उक्त वेंडर पर कार्रवाई करें। इस मौके पर उन्होंने खानपान ठेला संचालकों से तीन दिन पूर्व निकाले गए बिल का रिकार्ड दिखाने को कहा। संचालक बिल का रिकार्ड नहीं दिखा पाए। इस पर उन्होंने नाराजगी जताई। खानपान ठेला पर उन्होंने लगी वस्तुओं की लिस्ट देखी वहीं लिस्ट पर लिखा गया माल दिखाने को कहा तो वह भी पूर्ण नहीं पाया गया। अमूमन देखा जाता है कि वेंडर उपभोक्ताओं को खरीदी गई वस्तु का बिल नहीं देते है। जबकि अफसरों के निर्देश के आधार पर प्रति खानपान ठेला पर बिल नहीं तो भुगतान नहीं का स्लोगन लिखा हुआ है।


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