कंटेनमेंट जोन में शिशुओं की फिक्र करेंगी आशा
कोरोना संक्रमण तेजी से फैलने के साथ ही शहर से लेकर गांवों तक में कंटेनमेंट जोन बढ़ रहे हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की आशा कार्यकर्ता अपने अपने क्षेत्र में मोबाइल फोन के माध्यम से छह माह तक की आयु के शिशुओं की सेहत की जानकारी लगातार संपर्क करके प्राप्त करेंगी। अगर किसी शिशु को स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या है तो तुरंत उसके उपचार की व्यवस्था कराई जाएगी।
पीलीभीत,जेएनएन : कोरोना संक्रमण तेजी से फैलने के साथ ही शहर से लेकर गांवों तक में कंटेनमेंट जोन बढ़ रहे हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की आशा कार्यकर्ता अपने अपने क्षेत्र में मोबाइल फोन के माध्यम से छह माह तक की आयु के शिशुओं की सेहत की जानकारी लगातार संपर्क करके प्राप्त करेंगी। अगर किसी शिशु को स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या है तो तुरंत उसके उपचार की व्यवस्था कराई जाएगी।
कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी के बीच शिशुओं की सेहत को लेकर स्वास्थ्य विभाग फिक्रमंद है। कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ने के साथ उसी अनुपात में कंटेनमेंट जोन बढ़ रहे हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की आशा कार्यकर्ताओं को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वे अपने गांव में नवजात शिशुओं की सेहत के बारे में संबंधित परिवारों को फोन करके जानकारी लें। शिशु की मां से कुछ सवाल पूछे जाएंगे। शिशु में सुस्ती तो नहीं, छूने पर शरीर ठंडा है या गर्म, स्तनपान किस तरह से करा रहीं, जन्म के समय शिशु का वजन की जानकारी लेंगी। जिन इलाकों में कंटेनमेंट जोन नहीं है, वहां आशा को घर घर जाकर शिशुओं का हालचाल लेना है लेकिन इस दौरान वह महिला या उसके बच्चे को छुएंगी नहीं, शारीरिक दूरी का पालन करते हुए स्वास्थ्य के बारे में जानकारी जुटाएंगी। इसकी नियमित रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के पास जाएगी। डिस्ट्रिक्ट कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर उत्तम कुमार के अनुसार अगर कोई अस्वस्थ पाया जाता है तो आशा कार्यकर्ता से रिपोर्ट प्राप्त होत ही शिशु को उसकी मां के साथ एंबुलेंस से अस्पताल भिजवाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।