सात जन्मों के बंधन में बंधे 57 जोड़े
वसंत पंचमी पर्व को लेकर माता भगवती देवी गोशाला पर सामूहिक विवाह में 57 जोड़े विवाह बंधन में बंध गये।
पीलीभीत : वसंत पंचमी पर्व को लेकर माता भगवती देवी गोशाला पर सामूहिक विवाह में 57 जोड़े विवाह बंधन में बंधे। इनकी शादी के हजारों लोग साक्षी बने। सभी जोड़ों को उपहार देकर हंसी खुशी रवाना किया गया।
परसादपुर स्थित माता भगवती देवी गोशाला पर वसंत पंचमी पर्व के अवसर पर सामूहिक विवाह कार्यक्रम हुआ। यहां 51 शादियां को लेकर तैयारी की गई थी लेकिन बाद में पंजीकरण और बढ़ जाने से 57 जोड़े हो गए। रविवार को सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन हुआ। दीप प्रज्ज्वलन और वसंत पूजन कर कार्यक्रम की शुरुआत हुई। समाजसेवी अमृतलाल और चिकित्सक पीडी ¨सह को सम्मानित किया गया। पीडी ¨सह के कार्यक्रम न पहुंचने पर सरदार मोहन वीर ¨सह ने उनका सामान लिया। दो वरिष्ठ गायत्री परिजन का भी सम्मान हुआ। इसके बाद शादी का कार्यक्रम शुरू हुआ। पंडाल में 48 यज्ञ वैदियां बनाई गई, जिसमें सभी 57 जोड़े बैठे। वरिष्ठ गायत्री परिजन लालता प्रसाद शास्त्री की टीम ने विधि विधान से वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ विवाह संपन्न कराए। कार्यक्रम को लेकर हजारों की भीड़ उमड़ी। सभी जोड़ों को उपहार में चारपाई, बिस्तर, रजाई ,गद्दे, बर्तन आदि सामान दिया गया। भंडारे में हजारों लोगों ने प्रसाद छका। यहां मुख्य रूप से गोशाला व्यवस्थापक अनंतराम पालिया, पूर्व मंत्री डॉ. विनोद तिवारी, समाजसेवी अशोक खंडेलवाल, गायत्री परिजन संदीप खंडेलवाल, वरिष्ठ गायत्री परिजन सत्य प्रकाश शुक्ला, राजेश कुमार, पूर्व प्रधान जैतराम, बलजीत ¨सह खैहरा, हर्ष गुप्ता, कढेर ¨सह, तौलेराम पांडे, हरद्वारी लाल, कृष्ण मुरारी, डा. विनोद शर्मा, प्रधान लक्ष्मीकांत भारद्वाज, प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष आशुतोष दीक्षित राजू आदि मौजूद रहे।
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गाजे बाजे की धुन पर थिरके बराती
गेट पर नव दंपतियों के स्वागत के लिए बैंड बाजा वाले खड़े थे। दंपति के पांडल की तरफ प्रस्थान करते ही वह धुन शुरू कर देते थे। भव्य कार्यक्रम में बैंड बाजों की धुन पर बराती जमकर नाचे। रस्म स्वरूप बैंड वाले को उपहार भी दिया गया।
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सुरक्षा और भोजनालय समिति ने संभाली व्यवस्था
हजारों लोगों की भीड़ की बहुत अच्छे से देखभाल करने के साथ ही उनकी सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी समितियों पर रही। भोजनालय समिति ने सभी को प्रसाद ग्रहण कराया। सुरक्षा समिति समय-समय पर लोगों की देखभाल करती नजर आई।
पर्व के रंग में रंगी गोशाला
विवाह कार्यक्रम को लेकर पहले से ही काफी तैयारियां चल रही थी। गोशाला की रंगाई पुताई कर उसे चमकाने का कार्य किया जा रहा था। कार्यक्रम को लेकर गोशाला को बेहद अच्छे से सजाया गया। मेन गेट सहित पंडाल की व्यवस्था वहां देखते ही बन रही थी।