किसानों के खाते में पहुंचा 50 फीसद गन्ना भुगतान
कई साल बाद जिले में गन्ना मूल्य भुगतान की स्थिति में सुधार आया है। अब तक लगभग पचास फीसद गन्ना मूल्य भुगतान किसानों के खातों में पहुंच चुका है। पेराई सत्र के समापन तक अभी और पैसा किसानों को मिलेगा। ऐसे में पेराई सत्र समाप्त होने के बाद ज्यादा बकाया नहीं रहेगा जो शेष रहेगा उसे चीनी बिक्री के धन से भुगतान कराया जाएगा।
पीलीभीत,जेएनएन : कई साल बाद जिले में गन्ना मूल्य भुगतान की स्थिति में सुधार आया है। अब तक लगभग पचास फीसद गन्ना मूल्य भुगतान किसानों के खातों में पहुंच चुका है। पेराई सत्र के समापन तक अभी और पैसा किसानों को मिलेगा। ऐसे में पेराई सत्र समाप्त होने के बाद ज्यादा बकाया नहीं रहेगा जो शेष रहेगा, उसे चीनी बिक्री के धन से भुगतान कराया जाएगा।
इस बार चीनी मिलों का पेराई सत्र भी अपेक्षाकृत जल्दी शुरू हो गया था। सबसे पहले एक नवंबर को एलएच चीनी मिल में पेराई शुरू हो गई थी। गत वर्ष यह मिल सात नवंबर से चली थी। इसी तरह बरखेड़ा की बजाज हिदुस्तान शुगर मिल पिछले पेराई सत्र में 14 नवंबर से चली थी लेकिन इस बार मिल ने 10 नवंबर से पेराई शुरू कर दी थी। बीसलपुर की सहकारी चीनी मिल पिछले सत्र में 25 नवंबर से चल पाई थी परंतु इस बार दो दिन पहले यानि 23 नवंबर से पेराई चालू हो गई थी। पूरनपुर की चीनी मिल पिछले सत्र में 15 नवंबर से चली थी, इस बार भी उसी तिथि पर पेराई सत्र शुरू हुआ। पिछली बार सबसे लंबा पेराई सत्र एलएच चीनी मिल का रहा था। इस बार भी सबसे ज्यादा दिनों तक इसमें गन्ना पेराई होगी। पिछले सीजन में यह मिल 19 मई तक चली लेकिन इस बार सात मई तक चलने की संभावना है। इसी तरह बरखेड़ा की बजाज हिदुस्तान शुगर मिल 25 अप्रैल तक चली थी। इस बार 15 अप्रैल को सत्र समापन होने की संभावना है। बीसलपुर की सहकारी चीनी मिल गत सीजन में 13 मई तक पेराई करती रही लेकिन इस बार 15 अप्रैल तक सीजन चलेगा। पूरनपुर की चीनी मिल में इसी महीने पेराई सत्र समाप्त हो जाने की संभावना है। जिला गन्ना अधिकारी जितेंद्र कुमार मिश्र (डीसीओ) के अनुसार जिलाधिकारी ने निर्देश दिए हैं कि जब तक किसानों के पास पेराई योग्य गन्ना रहेगा, तब तक चीनी मिलों का संचालन कराया जाए। डीसीओ के मुताबिक इस बार गन्ना मूल्य भुगतान की स्थिति में काफी सुधार हुआ है। अब तक चारों मिलें किसानों के खातों में 401 करोड़ रुपये गन्ना मूल्य भेज चुकी हैं। यह अब तक खरीदे गए गन्ना मूल्य का 49.99 फीसद है। आने वाले दिनों में भी किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान जारी कराया जाता रहेगा। जिससे पेराई सत्र समाप्त होने तक न्यूनतम बकाया रह जाए।