1.97 लाख गन्ना किसानों को मिलेगा फायदा
केंद्र सरकार ने चीनी निर्यात के लिए 3.500 करोड़ की सब्सिडी देने की जो घोषणा की है उसका जिले के 1.97 लाख गन्ना किसानों को सीधा फायदा मिलेगा। साथ ही मिलों को उत्पादित चीनी का स्टाक निकालने में सुविधा रहेगी।
पीलीभीत,जेएनएन : केंद्र सरकार ने चीनी निर्यात के लिए 3.500 करोड़ की सब्सिडी देने की जो घोषणा की है उसका जिले के 1.97 लाख गन्ना किसानों को सीधा फायदा मिलेगा। साथ ही मिलों को उत्पादित चीनी का स्टाक निकालने में सुविधा रहेगी।
जिले में चार चीनी मिलें संचालित हो रही हैं। दो निजी क्षेत्र की और दो सहकारिता की हैं। दोनों सहकारी चीनी मिलों में हर साल किसानों का गन्ना मूल्य भुगतान फंस जाता है। निजी क्षेत्र की ललित हरि शुगर फैक्ट्री ही किसानों को समय पर गन्ना मूल्य भुगतान दे पाती है। बरखेड़ा की बजाज हिदुस्तान शुगर मिल पर अभी पिछले सीजन का ही 65 करोड़ 88 लाख रुपये गन्ना मूल्य का बकाया चल रहा है। बीसलपुर की चीनी मिल पर 22 करोड़ तथा पूरनपुर चीनी मिल पर 17 करोड़ रुपये किसानों का पुराना बकाया है। जिले में कुल 2 लाख 42 हजार गन्ना किसान हैं। इनमें से 1.97 लाख किसान गन्ना आपूर्तिकर्ता हैं। निर्यात सब्सिडी का इन किसानों को सीधा फायदा मिलेगा। जिला गन्ना अधिकारी जितेंद्र कुमार मिश्र के अनुसार निर्यात सब्सिडी की धनराशि एस्क्रो अकाउंट में आएगी। यह बैंक खाता चीनी मिल के अध्यासी व डीसीओ के संयुक्त हस्ताक्षरों से संचालित होता है। इसमें आने वाली समस्त धनराशि गन्ना मूल्य भुगतान पर ही व्यय की जानी है। इससे किसानों को सीधा फायदा मिलेगी।
मझोला किसान सहकारी चीनी मिल के संचालक मंडल के उपाध्यक्ष अशोक भसीन का कहना है कि यह सरकार की अच्छी पहल है। वह किसानों को सब्सिडी का फायदा दे रही है। इससे किसानों को बहुत राहत मिलेगी।
प्रगतिशील किसान बलविदर सिंह बिल्लू का कहना है कि सरकार ने जो चीनी निर्यात सब्सिडी की घोषणा की है, इससे किसानों को अपना गन्ना मूल्य पाने के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। केंद्र सरकार ने बेहतर कार्य किया है।
किसान देवेंद्र सिंह रिकू का कहना है कि सरकार की घोषणा से तसल्ली मिली है। किसानों के खाते में सब्सिडी जाएगी। इससे किसानों को बहुत लाभ मिलेगा। चीनी का निर्यात होने से मिलों को भी राहत मिलेगी।
किसान बुआ सिंह कहते हैं कि केंद्र सरकार का यह फैसला चीनी मिलों व किसानों दोनों के हित में है। किसानों को उनके गन्ने का मूल्य भुगतान समय पर मिल जाएगा। सरकार ने निर्यात सब्सिडी के माध्यम से इसका इंतजाम कर दिया है।