17 हजार लाभार्थियों को दूसरी किस्त का इंतजार
गांवों को खुले में शौच मुक्त किए जाने को चलाए जा रहे स्वच्छ भारत मिशन के तहत अभी भी तमाम लाभार्थी अधूरे पड़े शौचालयों को पूर्ण कराने के लिए अफसरों के कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं। ग्रामीण व नगर क्षेत्र में धनराशि आवंटित हो जाने के बाद भी शौचालयों का निर्माण पूरा नहीं कराने वाले लाभार्थियों को नोटिस भेजे जाने की कार्रवाई विभाग द्वारा शुरू कर दी गई है।
जागरण संवाददाता, पीलीभीत : गांवों को खुले में शौच मुक्त किए जाने को चलाए जा रहे स्वच्छ भारत मिशन के तहत अभी भी तमाम लाभार्थी अधूरे पड़े शौचालयों को पूर्ण कराने के लिए अफसरों के कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं। ग्रामीण व नगर क्षेत्र में धनराशि आवंटित हो जाने के बाद भी शौचालयों का निर्माण पूरा नहीं कराने वाले लाभार्थियों को नोटिस भेजे जाने की कार्रवाई विभाग द्वारा शुरू कर दी गई है। लाभार्थियों में खलबली है। जिले के विभिन्न विकास खंडों की ग्राम पंचायतों में अभी 17 हजार लाभार्थियों को दूसरी किस्त नहीं मिल सकी है।
बीसलपुर : मिशन के तहत नगर क्षेत्र में 1930 शौचालयों का लाभ लाभार्थियों को दिए जा चुका है। धनराशि स्वीकृत होने के बाद भी 65 लाभार्थियों द्वारा कार्य पूर्ण नहीं कराया गया, जिन्हें नोटिस दिए गए। पालिका के कर अधीक्षक उमेश चंद्र आनंद ने बताया कि नोटिस भेजकर लाभार्थियों का अधूरा पड़ा निर्माण कार्य पूर्ण करा दिया गया है। पालिका प्रशासन के शतप्रतिशत शौचालयों के निर्माण कराने की पोल तीन माह पूर्व उस समय खुल गई थी जब मुहल्ला दुर्गा प्रसाद निवासी राजेश कि घर में अधूरे बने टैंक में गिरकर मृत्यु हो गई थी। पत्नी सोनी देवी अधूरे पड़े शौचालय को बनवाए जाने के लिए अभी भी अफसरों के कार्यालयों के चक्कर काट रही है। अधिशासी अधिकारी वंदना शर्मा का कहना है कि उस परिवार को आसरा आवास देने के लिए चयन कर लिया गया है, इसीलिए अधूरे पड़े शौचालय की दूसरी किस्त जारी नहीं हुई। नगर में अभी भी एक दर्जन से अधिक शौचालयों का निर्माण अधूरा पड़ा हुआ है। दूसरी ओर विकास खंड के गांवों में 17763 लाभार्थियों का चयन शौचालय का लाभ देने को किया गया। चयनित लाभार्थियों में से 16925 ने शौचालयों का निर्माण कार्य पूर्ण करा लिया जबकि 838 लाभार्थियों के शौचालय अधूरे पड़े हैं। खंड विकास अधिकारी जगदीश चंद्र जोशी ने बताया कि शासन के निर्देश पर उन लाभार्थियों का सर्वे किया जा रहा है।
बिलसंडा : तीन दर्जन से अधिक लाभार्थियों के शौचालय अधूरे पड़े हुए है। निर्माण कार्य पूर्ण कराने के लिए ब्लॉक प्रशासन द्वारा लाभार्थियों को नोटिस भेजे जा रहे हैं।
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पालिका प्रशासन द्वारा शौचालय निर्माण के लिए पहली किश्त की धनराशि दी गई जिससे टैंक का निर्माण कराया था अधूरे पड़े टैंक में गिर कर मेरे पति कि 3 माह पूर्व मृत्यु हो गई थी। पालिका प्रशासन ने निर्माण कार्य पूर्ण कराने को शेष धनराशि अभी तक मेरे खाते में नहीं भेजी है।
सोनी देवी मुहल्ला दुर्गा प्रसाद
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अधूरे पड़े शौचालय के निर्माण के लिए विभाग द्वारा अभी तक धनराशि खाते में नहीं भेजी हुई है,जिससे काफी परेशानी हो रही है। कई बार अधिकारियों से शिकायत भी कर चुके हैं।
-सद्दीक ग्राम गोवल
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अधूरे पड़े शौचालय के निर्माण के लिए धनराशि खाते में नहीं भेजी जा रही है शिकायत करने पर भी अफसर ध्यान नहीं दे रहे परिजनों को काफी परेशानी हो रही है।
शब्बीर ग्राम गोवल
कलीनगर : स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत खुले में शौच जाने की प्रथा रोकने के लिए आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों को घरों में शौचालय बनवाने के लिए सरकार द्वारा आर्थिक सहायता दी जा रही है। शौचालय बनवाने के लिए सरकार द्वारा दो किस्तों में उपलब्ध कराई जाती है अनेक लोगों को पहली किस्त मिलने के बाद दूसरी किस्त नहीं मिली है जिस कारण उनके यहां शौचालय अधूरे बने पड़े हैं। तहसील क्षेत्र के कस्बा माधोटांडा में भी अनेक ऐसे व्यक्ति हैं जिनको घरों में शौचालय बनवाने के लिए पहली किस्त मिली थी। उन्होंने शौचालय निर्माण कार्य शुरू करवाए थे लेकिन दूसरी किस्त की धनराशि 1 साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी खातों में नहीं आई है। जिस कारण शौचालय निर्माण कार्य अधूरे पड़े हैं।
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करीब साल भर पहले शौचालय बनवाने के लिए खाते में छह 6000 आए थे, जिससे शौचालय निर्माण कार्य शुरू कराया था। दूसरी किस्त न मिलने से निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है। प्रधान जी से ़िकस्त न आने की जानकारी दी गई है।
-बबली, माधोटांडा
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घर में शौचालय बनवाने के लिए उसकी पत्नी भाग्यवती के खाते में 6000 रुपये की पहली किस्त आई थी। साल भर बीतने के बाद भी दूसरी किस्त नहीं मिली है। जिस कारण शौचालय अधूरा है।
पट्टेलाल वाल्मीकि,माधोटांडा
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पत्नी मंजू देवी के खाते में काफी समय पहले छह हजार रुपये शौचालय बनवाने के लिए मिले थे। साल भर गुजरने के बाद अभी तक दूसरी किस्त नहीं मिली है इसी कारण शौचालय अधूरा है।़
-सुभाष वाल्मीकि,माधोटांडा
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शौचालय बनवाने के लिए पहली किस्त मिली लेकिन साल भर गुजरने के बाद दूसरी किस्त नही मिली है। जिससे निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है।
सत्यपाल प्रजापति,कलीनगर इनसेट
पहले छह-छह हजार की दो किस्त दी जाती थीं। कई जिलों में अब भी यही स्थिति है लेकिन यहां अब पहली किस्त दस हजार और शौचालय पूर्ण रूप से बन जाने पर शेष दो हजार रुपये दिए जाते हैं। जिले में लगभग 17 हजार लाभार्थियों को अभी दूसरी किस्त जारी नहीं हुई है, क्योंकि उनके शौचालय निर्माण मानक के अनुरूप नहीं पाए गए।
प्रमोद कुमार यादव, डीपीआरओ