नेपाल से 12 हजार लोगों की घुसपैठ की आशंका, अलर्ट
कोरोना वायरस से बचाव के लिए पड़ोसी मुल्क नेपाल में चल रहा लॉकडाउन 27 अप्रैल को खत्म हो जाएगा। ऐसे में 25 मार्च से नेपाल में रुके भारत के पांच हजार तथा नेपाल के सात हजार लोग सड़क मार्गों के जरिये भारत में प्रवेश कर सकते हैं।
जागरण संवाददाता, पीलीभीत :
कोरोना वायरस से बचाव के लिए पड़ोसी मुल्क नेपाल में चल रहा लॉकडाउन 27 अप्रैल को खत्म हो जाएगा। ऐसे में 25 मार्च से नेपाल में रुके भारत के पांच हजार तथा नेपाल के सात हजार लोग सड़क मार्गों के जरिये भारत में प्रवेश कर सकते हैं। इस मामले में अभिसूचना विभाग की ओर से पीलीभीत समेत सात जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
अभिसूचना विभाग के पुलिस अधीक्षक लल्लन सिंह की ओर से मंगलवार की शाम नेपाल बार्डर से जुड़े पीलीभीत, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच और लखीमपुर खीरी के पुलिस अधीक्षकों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि पीलीभीत के सीमावर्ती नेपाल के जनपद कंचनपुर के गांव शिवनगर में स्थित महाकाली चीनी मिल में काम करने वाले मजदूरों और कर्मचारियों में लगभग एक सौ दस भारतीय हैं। चीनी मिल में गन्ने की आपूर्ति नहीं होने के कारण मिल बंद कर दी गई है। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए नेपाल-भारत सरकार द्वारा लॉकडाउन लागू किए जाने से नेपाली मजदूर तथा भारतीय मजदूर कर्मचारी चीनी मिल में रुके हैं। कुछ दिन पहले तीन मजदूरों ने भागने की कोशिश की थी, लेकिन नेपाली पुलिस ने मजदूरों को पकड़ लिया था। पत्र में लिखा है कि नेपाल में 25 मार्च से रुके हुए भारत के लगभग पांच हजार तथा नेपाल के लगभग सात हजार लोग लॉकडाउन खुलने का इंतजार कर रहे हैं। नेपाल से उत्तर प्रदेश के सात जिलों की सीमाएं सड़क के रास्ते से जुड़ती हैं। सामान्य दिनों में जनपद पीलीभीत, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच और लखीमपुर खीरी के दो दर्जन मार्गों से हजारों लोग रोजाना नेपाल से भारत आते हैं।
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जिले में करीब 54 किलोमीटर लंबे नेपाल बार्डर एरिया में एसएसबी, वन विभाग और स्थानीय पुलिस की ओर से संयुक्त पेट्रोलिग की जा रही है। अभिसूचना विभाग के पत्र के क्रम में जल्द ही रणनीति तय कर बार्डर एरिया में और ज्यादा सतर्कता बढ़ाई जाएगी। - अभिषेक दीक्षित, एसपी