झूम के बरसे बदरा, गर्मी से मिली निजात
उमस भरी गर्मी से लोग परेशान थे। रात में अचानक मौसम का मिजाज बदला और तेज बारिश हुई। सुबह भी बादल उमड़ते-घुमड़ते रहे। दोपहर में करीब आधा घंटे तक फिर तेज बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार जिले में पिछले 24 घंटे के दौरान 10 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई।
जेएनएन, पीलीभीत: उमस भरी गर्मी से लोग परेशान थे। रात में अचानक मौसम का मिजाज बदला और तेज बारिश हुई। सुबह भी बादल उमड़ते-घुमड़ते रहे। दोपहर में करीब आधा घंटे तक फिर तेज बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार जिले में पिछले 24 घंटे के दौरान 10 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई।
पिछले दो दिनों से बादल तो उमड़ते रहे, लेकिन बारिश नहीं हुई। बादल छंटने पर तीखी धूप खिलती तो वातावरण में उमस भरी गर्मी लोगों को बेचैन करने लगती। गुरुवार को पूरे दिन उमस भरी गर्मी रही। रात करीब साढ़े नौ बजे मौसम का मिजाज एकाएक बदल गया। करीब दस बजे हवाओं के साथ तेज बारिश होने लगी। इससे लोगों को काफी राहत मिली। शुक्रवार सुबह भी बादल छाए रहे। दोपहर में अचानक फिर बारिश होने लगी। करीब आधा घंटे तक तेज बारिश हुई। बाद में बारिश थम गई, लेकिन बादल छाए रहे। इससे मौसम सुहाना हो गया। हालांकि आधा घंटा की बारिश में ही सुनगढ़ी की गलियों, स्टेशन रोड पर मधुवन कॉलोनी के सामने, रंगीलाल चौराहा से अग्रवाल सभा भवन की ओर जाने वाले मार्ग पर जलभराव हो गया। बारिश का पानी घंटों भरा रहने से लोगों को आवागमन की दिक्कत रही। राजकीय कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ विज्ञानी डॉ. शैलेंद्र सिंह ढाका ने पंतनगर स्थित कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग के हवाले से बताया कि शुक्रवार को अधिकतम तापमान 34.9 तथा न्यूनतम 24.8 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे के दौरान जिले में 10 मिलीमीटर बारिश हुई है। डॉ. ढाका के मुताबिक शनिवार और रविवार को भी बादल उमड़ेंगे और कहीं-कहीं बारिश होने की संभावना है। मंगलवार को भारी बारिश होने का पूर्वानुमान है।
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खेतों में बरसात का पानी भरने से किसान परेशान
संसू, अमरिया: गांव धुंधरी व कैंचू टांडा में खेतों में बरसात का पानी भरा होने से दर्जनों किसानों की सैकड़ों बीघा धान की पौध नष्ट होने का खतरा पैदा हो गया है। कुछ दिन पूर्व ही धान की पौध रोपी गई है। अभी पौधे सीधे भी नहीं हो पाए कि अचानक काफी बारिश हो गई। जिससे धान की पौध पानी में डूब गई। जिस कारण किसानों को लंबा नुकसान पहुंच सकता है। अब धान की पौध की नर्सरी भी खत्म हो चुकी है। सभी किसान धान की रोपाई कर चुके हैं। खेतों में पानी भरे रहने से पौध नष्ट हो गई तो नई पौध नहीं मिलेगी। ऐसे में खेत खाली पड़े रहेंगे। किसानों का कहना है कि इन दोनों गांवों का बरसात का पानी सीधा खेतों में आता है। यहां पर पानी की निकासी के लिए बने नाले की सफाई नहीं कराई गई। जिससे नाले में बरसाती पानी का बहाव नहीं हो पा रहा है।
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पेड़ गिरने से बाधित रहा आवागमन
संस, पूरनपुर: कुछ दिन पहले हुई मूसलाधार बरसात से जंगल में पानी भर गया है। इसके चलते नमी भी बढ़ गई है। गुरुवार रात तेज हवाओं के साथ हुई बरसात से पूरनपुर-धनाराघाट रोड किनारे खड़ा एक पीपल का पेड़ गिर गया। शुक्रवार सुबह लोगों को इसकी जानकारी हो सकी। कई वाहन घंटे वहां खड़े रहे। इसकी सूचना पीलीभीत टाइगर रिजर्व की हरीपुर रेंज के अधिकारियों को दी गई। इसपर वन विभाग की टीम ने मजदूरों को लगाकर पेड़ की टहनियों को कटवाने के बाद उसे सड़क से हटाया। इसके बाद आवागमन शुरू हो सका। दोपहर बाद जंगल में खीरी ब्रांच नहर के आगे जमुनिया चौराहे के पास फिर एक पेड़ सड़क पर गिर गया। इसके चलते आवागमन बाधित हो गया। काफी मशक्कत के बाद पेड़ को हटाया जा सका। इससे राहगीरों को काफी परेशानियां हुई।