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पिछले वर्ष के मुकाबले 25 फीसदी वायु प्रदूषण में आई कमी

प्रदूषण को लेकर एनजीटी की सख्ती का असर शहर में दिखने लगा लगा है। नोएडा प्राधिकरण व क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कार्रवाई के फल स्वरूप शहर की हवा फिलहाल शुद्ध बनी हुई है। प्रदूषण फैलाने वालों पर सख्ती के चलते पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष वायु प्रदूषण में करीब 25 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं पंजाब व हरियाणा में पराली जलाए जाने की वजह से अब पीएम-10 व पीएम-2.5 में वृद्धि होने की संभावना बढ़ गई है। वायु प्रदूषण को स्थिर रखने के लिए क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ग्रेडेड रिस्पॉस एक्शन प्लान के तहत कार्रवाई करने को लेकर तैयारियां पूरी कर ली है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 Oct 2019 05:47 PM (IST)Updated: Sat, 05 Oct 2019 08:16 AM (IST)
पिछले वर्ष के मुकाबले 25 फीसदी वायु प्रदूषण में आई कमी
पिछले वर्ष के मुकाबले 25 फीसदी वायु प्रदूषण में आई कमी

जागरण संवाददाता, नोएडा :

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प्रदूषण को लेकर एनजीटी की सख्ती का असर शहर में दिखने लगा लगा है। नोएडा प्राधिकरण व क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कार्रवाई के फल स्वरूप शहर की हवा फिलहाल शुद्ध बनी हुई है। प्रदूषण फैलाने वालों पर सख्ती के चलते पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष वायु प्रदूषण में करीब 25 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं, पंजाब व हरियाणा में पराली जलाए जाने की वजह से अब पीएम-10 व पीएम-2.5 में वृद्धि होने की संभावना बढ़ गई है। वायु प्रदूषण को स्थिर रखने के लिए क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ग्रेडेड रिस्पॉस एक्शन प्लान के तहत कार्रवाई करने को लेकर तैयारियां पूरी कर ली है।

एनजीटी के आदेश पर नोएडा प्राधिकरण व क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रदूषण फैलाने वाले संस्थानों पर जुर्माने की कार्रवाई कर रहा है। प्रदूषण बोर्ड ने जनवरी से अब बिल्डरों व अन्य संस्थानों पर करीब ढाई करोड़ रुपये जुर्माना लगा चुका है। प्राधिकरण भी संस्थानों पर जुर्माना लगाने के साथ सड़क पर साफ-सफाई अभियान तेज कर दिया है। इस वजह से सड़कों पर धूल कम उड़ रही है। पिछले तीन महीने से मौसम भी अच्छा है। बीच-बीच में बारिश होने से हवा में शामिल धूल के कण जमीन पर आ जा रहे हैं। अगस्त में हवा में मौजूद पीएम-10 व पीएम-2.5 का स्तर सिर्फ 4 दिन ही 100 से अधिक रहा है। इसी तरह सितंबर माह में 8 दिन इनका स्तर 100 के पार दर्ज किया गया। एक से तीन अक्टूबर तक पीएम-10 व 2.5 का स्तर 100 से नीचे दर्ज किया गया है। वहीं, अगस्त 2018 में 2 दिन पीएम-10 व पीएम-2.5 का स्तर 200 से 298 के बीच था। सात दिन तक इनका स्तर 100 से 200 के बीच था। सितंबर 2018 में 10 दिन पीएम-10 व 2.5 का स्तर 100 से 200 के बीच था। वहीं, अक्टूबर 2018 में वायु प्रदूषण अचानक बढ़ गया था और माह के अंत तक खतरनाक स्थिति में पहुंच गया था। अक्टूबर में शुरू से ही पीएम-10 व 2.5 का स्तर 200 से 390 के बीच दर्ज किया गया था। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिक डॉ. अनिल कुमार सिंह ने बताया कि अभी तक वायु में पीएम-10 व पीएम-2.5 का स्तर संतोषजनक है। पंजाब व हरियाणा में किसान पराली जलाना शुरू कर दिए हैं। इसका असर आने वाले दिनों में दिल्ली व एनसीआर के जिलों में दिखने की उम्मीद है। वायु प्रदूषण बढ़ने पर ग्रेडेड रिस्पॉस एक्शन प्लान के तहत कार्रवाई की जाएगी।


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