चिताजनक : बिजली की मांग ने रिकार्ड 1900 मेगावाट का आंकड़ा छुआ
जागरण संवाददाता नोएडा जिले में बिजली आपूर्ति की अधिकतम मांग रिकार्ड 1900 सौ मेगावाट त
जागरण संवाददाता, नोएडा :
जिले में बिजली आपूर्ति की अधिकतम मांग रिकार्ड 1900 सौ मेगावाट तक के स्तर पर पहुंच गई है। अप्रत्याशित वृद्धि से विद्युत निगम के अधिकारी भी हैरान हैं। यह खतरे की घंटी है। बीते सत्र में अधिकतम 1590 मेगावाट तक पहुंची थी। इस सत्र में गर्मी को देखते हुए 1500 मेगावाट तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही थी। इससे बिजली निगम की चिता बढ़ गई है। जिले में निगम का आपूर्ति तंत्र 2000 मेगावाट की क्षमता का है। लेकिन 1200 मेगावाट से ऊपर जाते ही इन्फ्रास्ट्रक्चर भी जवाब देने लग जाता है।
जिले में हर वर्ष गर्मियों में ट्रिपिग और कटौती की समस्या रहती है। इस वर्ष भी लगातार दिक्कत बनी हुई है। जिस तेजी से बिजली की मांग बढ़ रही है। उससे और ज्यादा दिक्कत बढ़ सकती है। बीते एक माह से लगातार भीषण गर्मी पड़ रही है। पारा लगातार 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है। इसके चलते एसी, कूलर समेत अन्य इलेक्ट्रिक उपकरणों का उपयोग बढ़ गया है। इसका असर बिजली की मांग पर पड़ा है। इससे लोड बढ़ने से ट्रिपिग और कटौती की समस्या भी बढ़ रही है। निगम के लिए निर्बाध विद्युत आपूर्ति देना संभव नहीं हो पा रहा है। जिले के बिजली इन्फ्रास्ट्रक्चर करीब 40 वर्ष पुराना हो चुका है। अधिकतम मांग पर पुराने सिस्टम के भरोसे मांग की आपूर्ति पूरा करना मुश्किल नहीं हो रहा है। ------
अगस्त तक सबसे अधिक रहती है मांग मई में अब तक बिजली की औसत मांग 1350 मेगावाट के आसपास बनी हुई है। अप्रैल में यह आंकड़ा 1270 मेगावाट के आसपास था। बिजली अधिकारियों के मुताबिक बिजली की मांग मध्य अगस्त तक उच्च स्तर पर बनी रहती है। ऐसे अगर बिजली की मांग में इसी तरह की वृद्धि होती रही तो जिले के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
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विद्युत निगम की बढ़ी चिता बिजली अधिकारियों के मुताबिक जिले में बिजली की औसत खपत 2026 तक 2000 मेगावाट पहुंचने की संभावना है। इसको देखते हुए पुनरुत्थान वितरण क्षेत्र योजना के तहत इन्फ्रास्ट्रक्चर पर बड़े स्तर पर काम होना है। ट्रांसमिशन स्तर पर भी 400, 200 और 132 केवी सबस्टेशन का निर्माण हो रहा है। लेकिन अचानक बढ़ी मांग से इन्फ्रास्ट्रक्चर में और बदलाव किए जाने की जरूरत होगी।
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मई में बिजली की मांग अधिकतम मई में अधिकतम मांग 1900 मेगावाट तक हरी है। इसमें एनपीसीएल भी शामिल है। यह अप्रत्याशित वृद्धि है, लेकिन अभी दिक्कत नही हैं। 2000 मेगावाट तक निर्बाध आपूर्ति दी जा सकती है। औसत मांग 1350 मेगावाट पर बनी हुई है।
- वीएन सिंह, मुख्य अभियंता विद्युत निगम
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फैक्टर फंडा
उपभोक्ता पीवीवीएनएल - 3.25 लाख
उपभोक्ता एनपीसीएल - 1.20 लाख
400 केवी सबस्टेशन - 2
220 केवी सबस्टेशन - तीन
132 केवी सबस्टेशन - 4
33 केवी सबस्टेशन - 100
11 केवी सबस्टेशन - 566
वितरण ट्रांसफार्मर - 24631