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घर का भोजन, काढ़ा और योग से जीती कोरोना से जंग

जागरण संवाददाता नोएडा बढ़ती उम्र के साथ मिलने वाला अनुभव अक्सर बड़ी समस्याओं से निजात दिलाने में कारगर साबित होता है। सेक्टर-61 शिवालिक सोसायटी निवासी पूर्व मंत्री हरीश चंद्र भाटी (70) ने संयम और धैर्य का परिचय देते हुए घर पर रहकर कोरोना का सामना किया और नियमों का पालन कर मात्र 15 दिनों में कोरोना को मात दे दी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 Dec 2020 09:44 PM (IST)Updated: Fri, 25 Dec 2020 09:44 PM (IST)
घर का भोजन, काढ़ा और योग से जीती कोरोना से जंग
घर का भोजन, काढ़ा और योग से जीती कोरोना से जंग

जागरण संवाददाता, नोएडा :

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बढ़ती उम्र के साथ मिलने वाला अनुभव अक्सर बड़ी समस्याओं से निजात दिलाने में कारगर साबित होता है। सेक्टर-61 शिवालिक सोसायटी निवासी पूर्व मंत्री हरीश चंद्र भाटी (70) ने संयम और धैर्य का परिचय देते हुए घर पर रहकर कोरोना का सामना किया और नियमों का पालन कर मात्र 15 दिनों में कोरोना को मात दे दी। परिवार में वह अकेले ही कोरोना संक्रमित नहीं हुए थे, बल्कि एक वर्षीय पोते सहित 9 सदस्य संक्रमण की चपेट में आ गए थे। सभी ने अस्पताल जाने के बजाय घर रहकर कोरोना का सामना करने का निर्णय लिया और चिकित्सीय सलाह से योग व पौष्टिक आहार से कोरोना को धूल चटा दी। मामूली खराश से घर तक पहुंचा था कोरोना

हरीश चंद्र भाटी के बेटे आशीष भाटी नोएडा प्राधिकरण में सहायक महाप्रबंधक हैं। तीन दिसंबर को मामूली खराश होने पर आशीष भाटी ने कोरोना की जांच कराई थी। रिपोर्ट संक्रमित की आने के बाद हरीश चंद्र भाटी ने अपने साथ अपनी पत्नी सरोज भाटी, दूसरे बेटे दुष्यंत भाटी और उनकी पत्नी स्नेहा भाटी, बेटे आशीष और उनकी पत्नी पूजा भाटी, पोते देवबाबू व जयवर्धन और पोती श्रेया की कोरोना जांच कराई। चार दिसंबर को पूरा परिवार कोरोना की चपेट में था। अस्पताल जाने के बजाय सभी ने घर पर रहकर इलाज कराना बेहतर समझा।

हरीश चंद्र भाटी उम्र दराज होने के साथ-साथ डायबिटीज व हृदय रोग से ग्रसित हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना को खुद पर हावी नहीं होने दिया। समय-समय पर परिवार ने उनका हौसला बढ़ाया। पूरे परिवार ने घर पर रहकर योग, काढ़ा और घर पर बना पौष्टिक आहार लिया। नतीजतन 15 दिनों में सभी ठीक हो गए। घर का सहायक भी हो गया था संक्रमित

संतोष कुमार पूर्व मंत्री के घर पर सहायक का काम करता है। बताया कि संतोष जब कोरोना पॉजिटिव हुआ तो वह घबरा गया, उसे हल्का बुखार था। उसका भी अन्य सदस्यों की तरह ही ख्याल रखा गया।


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