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अधिकारियों को नए सिरे से गोद लेने होंगे कुपोषित बच्चों वाले गांव

जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए जिला प्रशासन ने फिर से कमर कस ली है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Jul 2022 08:13 PM (IST)Updated: Fri, 01 Jul 2022 08:13 PM (IST)
अधिकारियों को नए सिरे से गोद लेने होंगे कुपोषित बच्चों वाले गांव
अधिकारियों को नए सिरे से गोद लेने होंगे कुपोषित बच्चों वाले गांव

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए जिला प्रशासन ने फिर से कमर कस ली है। जिलाधिकारी के आदेश पर ऐसे 123 गांवों को चिह्नित किया गया है जहां कुपोषित बच्चों की संख्या ज्यादा है। गांवों में बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए जनप्रतिनिधि से लेकर प्रशासनिक अधिकारी गोद लेंगे। एक अधिकारी को तीन गांव गोद लेकर बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलानी होगी। इस संबंध में शुक्रवार को जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने जिला पोषण समिति की बैठक की।

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बता दें कि शासन के आदेश पर एक जुलाई से बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए विभाग ने संभव अभियान शुरू किया है। अभियान के तहत बच्चों का वजन करने के साथ उनके स्वास्थ्य की जांच की जाएगी। विभागीय स्तर से इसकी तैयारी कर ली गई है। अभियान को सफल बनाने के लिए जिलाधिकारी सुहास एलवाई की अध्यक्षता में जिला पोषण समिति की बैठक हुई। बैठक में जिलाधिकारी ने विकास खंडवार कुपोषित बच्चों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए शासन ने सांसद, विधायक व प्रशासनिक अधिकारियों को गांव गोद लेने के निर्देश दिए हैं। एक अधिकारी को तीन गांव गोद लेने होंगे। अधिकारियों की जिम्मेदारी गांवों में बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के साथ आंगनबाड़ी केंद्र को आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र के रूप में विकसित करने की होगी। जिले में मौजूदा समय में शून्य से पांच साल के बच्चों की संख्या एक लाख 12 हजार 201 है। जिनमें से 4961 बच्चे कुपोषित व 1442 बच्चे अतिकुपोषण की श्रेणी में हैं। विभागीय सर्वें के मुताबिक 95 हजार 955 बच्चे सामान्य श्रेणी में दर्ज हैं। जिले में 1108 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। 123 ऐसे आंगनबाड़ी केंद्रों का चयन किया गया है जहां कुपोषित बच्चों की संख्या ज्यादा है। बैठक में जिलाधिकारी ने संभव अभियान को सफल बनाने के निर्देश दिए। अभियान के तहत आंगनबाड़ी प्रत्येक बच्चे का वजन करने के बाद मोबाइल के माध्यम से पोषण ट्रैकर एप पर बच्चे का वजन, लंबाई, उम्र के साथ आशिक व गंभीर कुपोषित बच्चों का पूरा लेखा-जोखा अंकित करेंगी। इस दौरान जिला विकास अधिकारी गरीमा खरे, जिला कार्यक्रम अधिकारी पूनम तिवारी समेत जिला पोषण समिति में शामिल अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।


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