वैदिक शिक्षा बना सकती है भारत को विश्वगुरु : राम गोपाल
जासं ग्रेटर नोएडा ईटा एक सेक्टर स्थित महर्षि पाणिनि वेद वेदांग विद्यापीठ गुरुकुल में रामकथा का आयोजन किया गया।
जासं, ग्रेटर नोएडा: ईटा एक सेक्टर स्थित महर्षि पाणिनि वेद वेदांग विद्यापीठ गुरुकुल में रामकथा का आयोजन किया गया। कथा वाचक पंडित राम गोपाल तिवारी ने कथा सुनाई। कथा सुन भक्त भाव विभोर हो गए।
उन्होंने कहा कि केवल वैदिक शिक्षा ही ऐसी अमूल्य निधि है जो भारत को पुन: विश्व गुरु बना सकती है। गुरुकुल में वैदिक विधि से शिक्षा ग्रहण कर रहे 35 वटुक ब्रह्मचारियों को उन्होंने भारत के 35 प्रदेशों का भविष्य का वैदिक प्रतिनिधि बताया। कहा कि यह वटुक ब्राह्मण ब्रह्माचारी निकट भविष्य में वैदिक शिक्षा प्रसार के धर्म ध्वजाधारी बनेंगे और गुरुकुल का नाम रोशन करेंगे। कथा वाचक ने कहा कि कलयुगी विश्व आज रावण के स्वरूप में पहुंच गया है। लंका का राजा रावण महान ज्ञानी, पुजारी और वेद शास्त्रों का प्रकांड पंडित था। इसीलिए समर्थ होने के बावजूद भगवान राम को वैदिक शिक्षा ग्रहण करने के लिए गुरु विश्वामित्र के साथ वन में जाना पड़ा। फिर उन्होंने रावण का संहार किया। इसी प्रकार आज की इस दूषित-प्रदूषित सभ्यता, संस्कृति और मर्यादा रहित विश्व को केवल वैदिक शिक्षा से ही जीता जा सकता है। इस अवसर पर सुनील मिश्रा, स्वदेश कुमार सिंह, आरके तिवारी, पंडित रविकांत दीक्षित, अवधेश पांडे, सागर शर्मा सहित अन्य लोग मौजूद थे।