चाइल्ड पीजीआइ में हर महीने पहुंच रहे ल्यूकेमिया कैंसर के दो नये मरीज
सेक्टर-30 स्थित सुपर स्पेशियलिटी चाइल्ड हॉस्पिटल एंड पोस्ट ग्रेजुएट टी¨चग इंस्टीट्यूट में हर महीने ल्यूकेमिया कैंसर के दो नये मरीज सामने आ रहे है। अस्पताल में आने कैंसर से पीड़ित बच्चों की संख्या की संख्या यूं तो 3 से 4 है। लेकिन इनमे सबसे ज्यादा बच्चे ल्यूकेमिया कैंसर से पीड़ित है।
जागरण संवाददाता, नोएडा:
सेक्टर-30 स्थित सुपर स्पेशियलिटी चाइल्ड हॉस्पिटल एंड पोस्ट ग्रेजुएट टी¨चग इंस्टीट्यूट में हर महीने ल्यूकेमिया कैंसर के दो नये मरीज सामने आ रहे है। अस्पताल में कैंसर से पीड़ित बच्चों की संख्या यूं तो 3 से 4 है। लेकिन इनमे सबसे ज्यादा बच्चे ल्यूकेमिया कैंसर से पीड़ित है।
चाइल्ड पीजीआइ में कैंसर स्पेशलिस्ट डॉ.नीता राधाकृष्णन ने बताया कि भारत में हर साल बच्चों में 50 हजार कैंसर के नये मामले सामने आते हैं। जिसमें से सिर्फ 15 हजार बच्चे ही डायग्नोस हो पाते हैं। चाइल्ड पीजीआइ में अबतक 40 से अधिक बच्चों में कैंसर की शिकायत मिली है। इनमें 20 से अधिक मामले ब्लड कैंसर के हैं।
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चाइल्ड पीजीआइ में संभंव है ल्यूकेमिया कैंसर का इलाज
डॉ.नीता ने बताया ल्यूकेमिया एक तरह के ब्लड कैंसर की शुरुआती स्टेज है। अगर शुरू में ही इस रोग का पता चल जाएं तो इसका इलाज बड़ी आसानी से किया जा सकता है। चाइल्ड पीजीआइ में कैंसर के इलाज की सुविधा उपलब्ध है। यहां कीमियोथेरेपी और सर्जरी के जरिए इस कैंसर का इलाज किया जाता है। और अगर कोई बच्चा आर्थिक रूप से कमजोर है तो बच्चों को पीएमएनआरएफ, सीएमआरएफ और आरोग्य निधि से मदद दिलाई जाती है।
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बच्चों में इस बीमारी के लक्षणों को पहचानना मुश्किल होता है। लेकिन इन लक्षणों को देखकर डॉक्टर की सलाह से बच्चे को इस गंभीर बीमारी से बचाया जा सकता है। ब्लड कैंसर के शुरूआत में बहुत तेजी से बुखार या बार-बार एक ही तरह का संक्रमण हो सकता है। बच्चे का हर समय थकावट रहना या कमजोरी महसूस करना और एनिमिया की शिकायत होना भी इस बीमारी के लक्षण हो सकते हैं।
देवेंद्र कुमार गुप्ता, निदेशक, चाइल्ड पीजीआइ