नहीं सुधरी सफाई-व्यवस्था तो बदलेंगे सफाईकर्मी व ठेकेदार
जागरण संवाददाता नोएडा सफाईकर्मी अपनी मनमानी पर अंकुश लगाकर जल्द काम पर नहीं लौटे तो
जागरण संवाददाता, नोएडा :
सफाईकर्मी अपनी मनमानी पर अंकुश लगाकर जल्द काम पर नहीं लौटे तो उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है, क्योंकि नोएडा प्राधिकरण ने शहर की साफ सफाई के लिए नए विकल्प की तलाश शुरू कर दी है। इसमें एक ऐसी कंपनी को शहर की साफ सफाई व्यवस्था की कमान सौंपी जा सकती है, जिसके पास पांच हजार सफाई कर्मचारी उपलब्ध हैं।
बता दें कि देश के तमाम पब्लिक सेक्टर यूनिट (पीएसयू) समेत नगर निगम हैं, जो इसी प्रकार से साफ सफाई की व्यवस्था को अंजाम दे रहे हैं। इसी मकसद के साथ रविवार को नोएडा प्राधिकरण जन स्वास्थ्य विभाग के ओएसडी समेत सभी वर्क सर्किल अधिकारी सड़क पर निकले और उन्होंने शहर की साफ-सफाई व्यवस्था की टोह ली। इस दौरान सफाई कर्मचारियों, इंस्पेक्टर, सुपरवाइजर की कार्यप्रणाली की निगरानी शुरू कर दी गई है। इसका एक रिकार्ड तैयार किया जा रहा है, जिसमें यह देखा जा रहा है कि जिस सफाई इंस्पेक्टर के क्षेत्र में काम नहीं हो रहा है, सुपरवाइजर काम कराने में सक्षम नहीं है, सफाईकर्मी काम न करके फील्ड से नदारद है, उसको रिपोर्ट में सूचीबद्ध किया जा रहा है। रिपोर्ट नोएडा मुख्य कार्यपालक अधिकारी के समक्ष रखकर ऐसे कर्मचारी, सुपरवाइजर, इंस्पेक्टर की सेवा समाप्त कराने की कार्रवाई की जाएगी।
कर्मचारियों की मनमानी से वाकिफ हुए मुख्यमंत्री: वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिये दो दिन पहले मुख्यमंत्री ने नोएडा प्राधिकरण मुख्य कार्यपालक अधिकारी से विकास कार्यो की समीक्षा की है। इस दौरान सफाईकर्मियों की ओर से धरना प्रदर्शन के दौरान सड़क पर कचरा फैलाने की जानकारी को भी साझा किया गया है। इसमें पुलिस की ओर से की गई कार्रवाई भी बताई गई, इसके बाद समस्या के स्थाई हल को लेकर चर्चा हुई। टीम लगाकर कचरा उठवाया:
शहर में जहां-जहां पर गंदगी नजर आई, कचरा फैला देखा गया, उसको साफ कराने व कचरा उठवाने के लिए टीमों को लगाया गया। इन्हीं टीमों के माध्यम से आगे भी साफ सफाई की व्यवस्था संचालित होगी। विभाग ने नए विकल्प की तलाश शुरू हो चुकी है, कर्मचारियों को अभी समझाया जा रहा है। नहीं मानने पर मैनपावर कंपनी को हायर किया जा सकता है।
-इंदु प्रकाश सिंह, ओएसडी, नोएडा प्राधिकरण