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यूपीसीडा क्षेत्र का ग्रेनो प्राधिकरण में विलय की जोर पकड़ रही मांग

जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा गौतमबुद्ध नगर में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्रधिकरण (यूपीसीडा) की चारों साइट का ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में विलय करने की मांग हो रही है। यूपीसीडा की उपेक्षा से परेशान उद्यमी इसके ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में विलय की मांग कर रहे हैं। दो दिवसीय दौरे पर गौतमबुद्ध नगर आए औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना को इस बारे में ज्ञापन भी सौंपा गया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Jul 2020 10:06 PM (IST)Updated: Fri, 03 Jul 2020 10:06 PM (IST)
यूपीसीडा क्षेत्र का ग्रेनो प्राधिकरण में विलय की जोर पकड़ रही मांग
यूपीसीडा क्षेत्र का ग्रेनो प्राधिकरण में विलय की जोर पकड़ रही मांग

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : गौतमबुद्ध नगर में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्रधिकरण (यूपीसीडा) की चारों साइट का ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में विलय करने की मांग हो रही है। यूपीसीडा की उपेक्षा से परेशान उद्यमी इसके ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में विलय की मांग कर रहे हैं। दो दिवसीय दौरे पर गौतमबुद्ध नगर आए औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना को इस बारे में ज्ञापन भी सौंपा गया है।

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गौतमबुद्ध नगर में यूपीसीडा की चार साइट सूरजपुर में बी व सी और कासना क्षेत्र में चार व पांच हैं। इसमें हजारों औद्योगिक इकाइयां हैं, लेकिन सुविधाओं के मामले में चारों साइट की हालत बेहद खराब है। सड़कों की हालत जर्जर है। जल भराव, नाली क्षतिग्रस्त, खाली भूखंडों में झाड़ियां, बंद स्ट्रीट लाइट, अतिक्रमण, पानी की सप्लाई की स्थिति बेहद खराब है। हालात ऐसे हैं कि उद्यमियों की शिकायतों के बावजूद इन समस्याओं के निस्तारण को लेकर कार्रवाई नहीं होती। इससे यूपीसीडा क्षेत्र के उद्यमियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। उद्यमियों का तो यहां तक आरोप है कि कार्यालय में सुविधा शुल्क दिए बगैर कोई कार्य नहीं होता। औद्योगिक क्षेत्र की तरह यूपीसीडा के आवासीय इलाकों की हालत भी बेहद खस्ता है।

यूपीसीडा ने निजात पाने और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के औद्योगिक सेक्टरों के समान सुविधाओं के लिए उद्यमी चारों साइट का प्राधिकरण में विलय करने की मांग की है। शासन स्तर पर इस मुद्दे को उठाया गया है। बुधवार को गौतमबुद्ध नगर में प्राधिकरणों की समीक्षा बैठक करने पहुंचे औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना को जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह ने भी ज्ञापन सौंपकर यूपीसीडा क्षेत्र का ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में विलय करने का आग्रह किया है। यूपीसीडा उद्यमियों से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सापेक्ष अधिक मेंटीनेंस शुल्क वसूल करता है, लेकिन उस हिसाब से सुविधाएं नहीं देता। चारों साइट की मेंटीनेंस के उसके पास पर्याप्त संसाधन तक नहीं है। फ्लोर एरिया रिश्यो भी ग्रेटर नोएडा की तुलना में कम हैं। परेशानी का सामना कर रहे उद्यमी यूपीसीडा क्षेत्र को प्राधिकरण में विलय करने की मांग शासन स्तर पर भी उठा चुके हैं। उद्यमियों के हित में शासन को इस पर जल्द निर्णय करना चाहिए।

एसपी शर्मा, राष्ट्रीय सचिव, आइआइए


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