धनौरी वेटलैंड को जलकुंभी से मुक्ति का काम शुरू
जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा धनौरी वेटलैंड को जलकुंभी से मुक्ति दिलाने के प्रयास शुरू हो गए हैं। जेसीबी की मदद से वेटलैंड से जलकुंभी हटाई जा रही है।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : धनौरी वेटलैंड को जलकुंभी से मुक्ति दिलाने के प्रयास शुरू हो गए हैं। जेसीबी की मदद से वेटलैंड से जलकुंभी हटाई जा रही है। वन विभाग ने वेटलैंड को जलकुंभी से मुक्ति दिलाने के लिए यमुना प्राधिकरण से आग्रह किया था। वेटलैंड में पानी नजर आने से पक्षियों का कलरव फिर से सुनाई देगा।
जिले के बड़े वेटलैंड में धनौरी वेटलैंड शामिल है। यहां हर साल सर्दियों में प्रवासी पक्षी डेरा डालते हैं। पानी, प्रचूर भोजन और शांत माहौल के कारण प्रवासी पक्षियों की कई प्रजाति यहां का रुख करती हैं, लेकिन वेटलैंड पर कब्जे, पानी की कमी, जलकुंभी के कारण वेटलैंड अपना अस्तित्व खोने लगा है।
पानी की कमी होने के कारण धनौरी वेटलैंड में पक्षियों की संख्या लगातार कम हो रही है। वन विभाग ने यमुना प्राधिकरण से वेटलैंड की सफाई व जलकुंभी हटवाने का आग्रह किया था। इस पर काम शुरू हो गया है। जेसीबी की मदद से वेटलैंड में जलकुंभी हटाई जा रही है।
जिला वन अधिकारी प्रमोद श्रीवास्तव ने बताया कि धनौरी वेटलैंड को रामसर वेटलैंड में संरक्षित कराने की योजना है। प्राधिकरण का अधिसूचित क्षेत्र होने के कारण अनापत्ति मांगी गई है। वेटलैंड से जलकुंभी हटाने के लिए प्राधिकरण से सहयोग मांगा गया था।
पक्षी प्रेमी एसपी चौधरी का कहना है कि धनौरी वेटलैंड में जलकुंभी के कारण पक्षियों के लिए पानी की कमी हो रही थी। जलकुंभी साफ होने से पानी की उपलब्धता बढ़ेगी। धनौरी वेटलैंड सारस का प्रमुख प्रवास स्थल है। कई अन्य प्रजाति के पक्षी भी यहां देखे जा सकते हैं।