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बिल्डर पर एक माह से चल रही थी शिकंजा कसने की तैयारी

शहर में गगनचुंबी इमारतों के लिए प्राधिकरण ने बिल्डरों को प्लाट आवंटित किए लेकिन बिल्डरों ने प्राधिकरण को प्लाट आवंटन का पैसा देना मुनासिब नहीं समझा। कई बार नोटिस जारी करने के बाद भी बिल्डरों ने न तो नोटिस का जवाब दिया और न ही पैसे जमा किए। ऐसे में प्राधिकरण पर करीब 24 हजार करोड़ रुपए का बकाया हो चुका है। इस रकम की रिकवरी के लिए प्रशासन को अवगत कराया जा रहा है। इसमे शहर के नामी गिनामी बिल्डर शामिल है। वर्तमान में अकेले आम्रपाली पर ही नोएडा प्राधिकरण का करीब 1200 करोड़ व यूनिटेक का 600 करोड़ रुपए बकाया है। यही नहीं प्राधिकरण पहले ही बिल्डरों की डिफाल्टर सूची जारी कर चुका है। जिसमे 94 परियोजनाओं से संबंधित बिल्डरों को नोटिस जारी किया गया था। इन सभी बिल्डरों पर प्राधिकरण का बकाया है। जिसे वसूलने के लिए अब आरसी का सहारा लिया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 10:15 PM (IST)Updated: Wed, 12 Sep 2018 10:15 PM (IST)
बिल्डर पर एक माह से चल रही थी शिकंजा कसने की तैयारी
बिल्डर पर एक माह से चल रही थी शिकंजा कसने की तैयारी

कुंदन तिवारी, नोएडा : शहर में गगनचुंबी इमारतों के निर्माण के लिए प्राधिकरण ने बिल्डरों को प्लाट आवंटित कर दिए, लेकिन बिल्डरों ने प्राधिकरण को आवंटन का की रकम देना मुनासिब नहीं समझा। रकम जमा करने के लिए प्राधिकरण ने कई बार नोटिस जारी किए। इसके बाद भी बिल्डरों ने न तो नोटिस का जवाब दिया और न ही पैसे जमा किए। इसके चलते प्राधिकरण ने छह अगस्त को सेक्टर-137 स्थित शुभकामना बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ कार्रवाई के लिए जिला प्रशासन को पत्र लिखा था। यह रकम वापस लेने के लिए प्राधिकरण ने जिला प्रशासन को बिल्डर की आरसी काटने व रकम वसूलने के लिए कहा था। ऐसे में जल्द ही शुभकामना बिल्डर पर बड़ी कार्रवाई होने की संभावना जताई जा रही थी। बकाया वसूलने को नोएडा प्राधिकरण ने इस तरह की पहली कार्रवाई की है।

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तय तिथि के बाद भी रकम नहीं चुकाई : अधिकारियों की मुताबिक बिल्डर को सेक्टर-137 में जीएच-5बी प्लाट आवंटित किया था। इस दौरान बिल्डर ने कुल प्लाट की रकम का 10 फीसद प्राधिकरण के खाते में जमा कराया था। शेष राशि किस्तो में जमा करनी थी। कुछ समय बाद बिल्डर किस्ते नहीं जमा की। ऐसे में बिल्डर पर प्राधिकरण का 67 करोड़ 13 लाख 31 हजार 352 रुपये का बकाया हो गया। उक्त राशि को जमा करने के प्राधिकरण ने बिल्डर को नोटिस जारी कर 30 जून 2018 तक का समय दिया गया था। मियाद पूरी होने के बाद ब्याज के साथ कुल धनराशि 78 करोड़ 23 लाख 88 हजार 314 रुपये हो गई थी। यह रकम अब तक बिल्डर ने प्राधिकरण के खाते में जमा नहीं की, लिहाजा प्राधिकरण ने प्रशासन को पत्र लिख भू-राजस्व के माध्यम से वसूली करने के लिए कहा। सदर तहसील के राजस्व अधिकारियों की ओर से रविवार को शुभकामना बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड के साइट पर वीट आफ ड्रम भी कराया गया। दो से चार लोगों को बेचा एक ही फ्लैट : निवेशक राजू ¨सघल ने बताया कि बिल्डर ने एक-एक फ्लैट को दो से चार लोगों को बेचा है। बिल्डर ने निवेशकों से सेल्फ भुगतान भी लिया है। उसी फ्लैट पर निवेशकों को बैंक लोन भी कराया गया है। इस बात की जानकारी के बाद बिल्डर ने मिलना ही बंद कर दिया। अन्य बिल्डरों पर भी कसेगा शिकंजा : प्राधिकरण भी करीब 24 हजार करोड़ रुपये के कर्ज में डूबा हुआ है। बिल्डरों पर प्रधिकरण का करीब 78.23 करोड़ रुपये बकाया है। इस रकम की रिकवरी के लिए प्राधिकरण जल्द ही जिला प्रशासन को पत्र लिखेगा। वर्तमान में आम्रपाली पर करीब 1200 करोड़ व यूनिटेक का 600 करोड़ रुपये नोएडा प्राधिकरण का बकाया है। प्राधिकरण पहले ही बिल्डरों की डिफाल्टर सूची जारी कर चुका है। इसमे 94 परियोजनाओं से संबंधित बिल्डरों को नोटिस जारी किया गया था। इन सभी बिल्डरों पर प्राधिकरण का बकाया है। जिसे वसूलने के लिए अब आरसी का सहारा लिया जा रहा है।


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