परिवार के छह लोग संक्रमित, स्वास्थ्य विभाग ने 24 घंटे तक नहीं ली सुध
कोरोना वायरस के फैलाव की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कितने संजीदा यह उदाहरण है।
जागरण संवाददाता, नोएडा : कोरोना वायरस के फैलाव की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कितने संजीदा हैं। इसकी एक बानगी बुधवार को देखने को मिली। एक ही परिवार के छह लोगों में कोरोना की पुष्टि होने के 24 घंटे बाद तक भी कोई सुध नहीं ली गई। आखिरकार परिवार को निजी एंबुलेंस के जरिये हरियाणा के झज्जर के अस्पताल में भर्ती होना पड़ा।
जानकारी के अनुसार, सेक्टर-82 स्थित केंद्रीय विहार-2 निवासी एक महिला दिल्ली एम्स में डाटा एंट्री ऑपरेटर है। उनके पिता भी एम्स में ही कर्मचारी थे, उनका अभी भी अस्पताल में आना-जाना रहता है। कुछ दिन पहले तबीयत बिगड़ने पर पिता की कोरोना जांच कराई गई तो वे पॉजिटिव निकले, संदेह होने पर उन्होंने भी पति के साथ पहुंचकर जांच कराई। महिला व उनके पति भी जांच में संक्रमित मिले। इसके बाद उन्होंने लंदन से आई नंद व उनके नौ माह के बच्चे, सास ससुर की भी जांच कराई। 30 जून को इन सभी की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई। रिपोर्ट आने पर स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने उनके बारे में पूछताछ की, लेकिन अस्पताल ले जाने के लिए कोई नहीं आया। उन्होंने हेल्प लाइन नंबर पर भी कॉल किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। बाद में उन्होंने एम्स जाने का निर्णय लिया और एंबुलेंस के लिए कॉल किया, लेकिन एंबुलेंस भी नहीं आई। पीड़ित परिवार 24 घंटे तक घर पर ही रहे, लेकिन किसी ने उनकी सुध तक नहीं ली। बाद में प्राइवेट एंबुलेंस के जरिये वह परिवार एम्स पहुंचा। एम्स से पूरे परिवार को झज्जर स्थित आइसोलेशन वार्ड भेज दिया गया। महिला ने बताया कि एम्स के मरीजों को झज्जर में ही भर्ती किया जाता है। इससे एक ओर जहां स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं तो वहीं लोगों का जिले की स्वास्थ्य सेवा से भरोसा उठ गया है। महिला का कहना है कि जिले की शुरुआती व्यवस्थाओं को देखते ही उन्होंने उपचार की उम्मीद छोड़ दी है।
इस बारे में स्वास्थ्य विभाग से जानकारी ली जाएगी। जांच के आधार पर कार्रवाई होगी।
सुहास एलवाइ, डीएम गौतमबुद्ध नगर