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बुजुर्ग को होम आइसोलेशन का सुझाव देने वाले डॉक्टर के खिलाफ जांच शुरू

जागरण संवाददाता नोएडा गंभीर बीमारी से ग्रसित 75 वर्षीय बुजुर्ग को कोरोना संक्रमण होने के

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 07:18 PM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 07:18 PM (IST)
बुजुर्ग को होम आइसोलेशन का सुझाव देने वाले डॉक्टर के खिलाफ जांच शुरू
बुजुर्ग को होम आइसोलेशन का सुझाव देने वाले डॉक्टर के खिलाफ जांच शुरू

जागरण संवाददाता, नोएडा :

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गंभीर बीमारी से ग्रसित 75 वर्षीय बुजुर्ग को कोरोना संक्रमण होने के बाद होम आइसोलेशन का सुझाव देने वाले डॉक्टर के खिलाफ जांच बैठाई गई है। आरोप है कि डॉक्टर ने बुजुर्ग को होम आइसोलेट करने से पूर्व लिए जाने वाली अंडरटेकिग की जानकारी ेविभाग को समय पर नहीं दी। जब तबीयत बिगड़ने लगी तो स्वजन ने विभाग से संपर्क साधा। होम आइसोलेशन के नियमों का भी पालन नहीं किया गया।

सेक्टर-76 स्थित एक सोसायटी में रहने वाले 75 वर्षीय कोरोना संक्रमित बुजुर्ग की होम आइसोलेशन में रहने के दौरान सोमवार सुबह तबीयत बिगड़ गई थी। स्वजन का आरोप है बुजुर्ग को अस्पताल में भर्ती के लिए कंट्रोल रूम, एंबुलेंस और स्वास्थ्य विभाग से संपर्क किया था, लेकिन अस्पताल में जगह नहीं होने की बात कहकर मदद से मना कर दिया गया। दोपहर डेढ़ बजे बुजुर्ग की घर पर ही मौत हो गई। जब स्वजन ने शव के अंतिम संस्कार को कहा तो कंट्रोल रूम की ओर बताया गया कि रात में अंतिम संस्कार नहीं हो सकता है। कहीं से मदद न मिलने पर मृतक के बेटे ने शव और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर 36 सेकेंड का वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर शेयर किया। वीडियो वायरल होने के बाद स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन में हड़कंप मच गया। जिसके बाद रात में 10 बजे पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बुजुर्ग का सेक्टर-94 स्थित अंतिम निवास में कोविड-19 की गाइडलाइन के तहत अंतिम संस्कार किया।

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समय पर आती एंबुलेंस तो बच सकती थी जान :

दिल्ली स्थित बीएसइएस में इंजीनियर बुजुर्ग के पुत्र का आरोप है तबीयत बिगड़ने पर इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम पर फोन करने पर एक व्यक्ति ने एंबुलेंस भेजने की बात कही थी, लेकिन एंबुलेंस नहीं पहुंची। कोविड अस्पताल में बेड खाली न होने की बात कही गई। अगर समय पर एंबुलेंस मिलती और समय पर अस्पताल में भर्ती कराया जाता, तो पिता की जान बच सकती थी। मंगलवार सुबह उन्हें व उनकी मां को शारदा अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

होम आइसोलेशन की गाइडलाइन

-घर में कम से कम दो शौचालय जरूर हो।

-आरोग्य सेतु मोबाइल एप को अपने मोबाइल में डाउनलोड करना होगा।

-रोगी को होम क्वारंटाइन होने के लिए लिखित में एक शपथ पत्र देना होगा।

-होम आइसोलेशन एप मरीज को अपने स्मार्ट फोन में डाउनलोड करना होगा।

-रोगी अपने स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी प्रतिदिन जिला सर्विलांस अधिकारी को देगा।

-डॉक्टर द्वारा किसी व्यक्ति को कोरोना के लक्षण रहित रोगी के रूप में चिह्नित किया गया हो।

-ऐसे रोगी के निवास पर स्वयं को आइसोलेट करने और स्वजन को क्वारंटाइन करने की सुविधा उपलब्ध हो।

-ऐसे रोगी जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता किसी कारण से (एचआइवी, अंग प्रत्यारोपित व कैंसर का उपचार कराने वाले) कमजोर है और गर्भवती, 60 आयु पार लोग है वह होम आइसोलेशन के पात्र नहीं होंगे।

-देखभाल करने वाले व्यक्ति और रोगी के नजदीकी संपर्को को प्रोटोकाल व उपचार करने वाले डॉक्टर के परामर्श के अनुसार दवाएं लेनी होगी।

-24 घंटे रोगी की देखभाल करने वाला एक व्यक्ति होना चाहिए। संपूर्ण आइसोलेशन के दौरान देखभाल करने वाले व्यक्ति और संबंधित चिकित्सालय के बीच संपर्क बनाए रखना होम आइसोलेशन की प्रमुख अनिवार्यता है।

-होम आइसोलेशन में रहने वाले व्यक्ति को एक किट खरीदकर अपने पास रखनी होगी। किट में पल्स आक्सीमीटर, थर्मामीटर, मास्क, ग्लव्स, सोडियम हाइपोक्लोराइट साल्यूशन और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवाएं होंगी।

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बुजुर्ग को होम आइसोलेट करने वाले डॉक्टर के खिलाफ जांच की जा रही है। अगर गड़बड़ी पाई जाती है, तो डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

- डॉ. दीपक ओहरी, सीएमओ, गौतमबुद्धनगर


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