मार्ग पर नहीं लगे सांकेतिक बोर्ड, आए दिन हो रहे हादसे
ग्रेटर नोएडा-दनकौर सिकंदराबाद-दनकौर अति व्यस्त एकल मार्ग है। इस एकल मार्ग से प्रतिदिन सैकड़ों वाहन चालक यमुना एक्सप्रेस-वे पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे होते हुए दिल्ली हरियाणा पंजाब आदि राज्यों में प्रवेश करते हैं।
घनश्याम पाल, बिलासपुर : ग्रेटर नोएडा-दनकौर सिकंदराबाद-दनकौर अति व्यस्त एकल मार्ग है। इस एकल मार्ग से प्रतिदिन सैकड़ों वाहन चालक यमुना एक्सप्रेस-वे, पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे होते हुए दिल्ली, हरियाणा, पंजाब आदि राज्यों में प्रवेश करते हैं। ठंड के मौसम में कोहरे के दौरान इस मार्ग पर अंधे मोड़ होने से पूर्व में कई गंभीर हादसे हो चुके हैं, लेकिन इस मार्ग पर सांकेतिक बोर्ड नहीं लगवाए गए। वाहनों की बढ़ती संख्या व वाहनों की गति निर्धारित न होने से वाहन चालक सौ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वाहन चलाते हैं।
खेरली नहर पुल के पास 90 डिग्री के घुमावदार मोड़ हैं, जहां पर किसी प्रकार का कोई सांकेतिक बोर्ड नहीं लगा है। इसी मोड़ पर खाईनुमा गड्ढा भी है। इससे वाहनों के खाई मे गिरने का भय बना रहता है। हादसों को रोकने के लिए पुलिस के पास संसाधनों का अभाव है। इस कारण समय से दुर्घटनाग्रस्त लोगों को मदद नहीं मिल पाती। सड़क पर नहीं हैं सफेद पट्टियां:
सर्दी का मौसम जोरों पर है। धुंध ने भी अपना असर दिखाना शुरू कर दिया। सुबह-शाम के समय धुंध व कोहरे से हादसों में बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन सड़क पर सफेद पट्टियां नहीं बनाई गई हैं। जिले के दनकौर कोतवाली क्षेत्र में खेरली नहर तिराहा डेंजर प्वाइंट है, जहां तीव्र मोड़ होने के बावजूद न तो सांकेतिक बोर्ड लगे हैं और न ही सफेद पट्टियां बनाई गई।
पिछले वर्ष हुई थी छह लोग की मौत
पिछले वर्ष 30 दिसंबर की रात कोहरे व घुमावदार मोड़ के कारण संभल से दिल्ली जा रही एक कार खेरली नहर में गिर गई थी। कार में सवार एक ही परिवार के छह लोगों की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई थी।
मार्ग पर नहीं जलती लाइटें
कासना, सिकंदराबाद, सिकंदराबाद-दनकौर, खेरली-झाझर मुख्य मार्ग पर लगी अधिकतर लाइटें खराब पड़ी हैं। लोग इन स्ट्रीट लाइट को ठीक कराने के लिए कई बार मांग कर चुके हैं, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।