मौसमी सर्दी, जुकाम कोरोना नहीं : वैद्य अच्युत कुमार त्रिपाठी
सर्दी में होने वाला जुकाम खांसी छींक के
जागरण संवाददाता, नोएडा :
सर्दी में होने वाला जुकाम, खांसी, छींक के साथ हल्का बुखार, सिरदर्द, बुखार के बाद सिर दर्द कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के लक्षण नहीं हैं। हर मौसमी सर्दी और जुकाम कोरोना नहीं है। यह कहना है कि आरोग्य सदनम के वैद्य अच्युत कुमार त्रिपाठी का।
उन्होंने बताया कि वायु में पाए जाने वाले विषाक्त पदार्थ जैसे लेड, मरकरी, जिक, आर्सेनिक आदि कोहरे युक्त वातावरण में मिलने के बाद वातावरण को दूषित करते हैं। इससे फेफड़े संक्रमित होते हैं। लोगों को एलर्जी होने लगती है। इससे सर्दी, जुकाम के रूप में सिरदर्द के साथ बुखार होता है। चूंकि इन दिनों ओमिक्रोन लोगों में चिता का विषय बना हुआ है। इसलिए लोगों को आयुर्वेद का सहारा लेकर अपनी इम्युनिटी को मजबूत करना चाहिए। केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने लोगों की बेहतर सेहत के लिए कुछ दिशानिर्देश जारी किए हैं। आयुष-64 और कुबासुरा कुदिनीर जैसी आयुर्वेद दवाओं का सुझाव दिया है। कोरोना के लिए आयुरक्षा किट भी तैयार की है। इस किट में जो दवाएं हैं, उनसे कोरोना की रोकथाम के लिए छह ग्राम च्यवनप्राश, आयुष क्वाथ 75 मिलीग्राम दिन में एक बार, समशमणि वटी 500 मिलीग्राम दिन में दो बार ले सकते हैं। इसके अलावा अणु तेल दिन में एक से दो बार दोनों नाक में डालना होता है। इससे काफी राहत मिलती है। इसी तरह गुडुची घनवटी 500 मिलीग्राम दिन में दो बार या अश्वगंधा टैबलेट 500 मिलीग्राम दिन में दो बार लेने से प्रतिरक्षा शक्ति काफी बढ़ सकती है। आयुष-64 बिना लक्षण वाले और हल्के लक्षण वाले मरीजों में फायदा देती है। कुबासुरा कुदिनीर दवा पानी में उबाल कर ले सकते हैं। यह संक्रमण से बचने के लिए जरूरी है। रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होने के साथ पोषण आहार का सेवन करना चाहिए। कोरोना के लक्षण दिखने पर लोग निश्शुल्क आयुर्वेद चिकित्सकीय परामर्श के लिए उनसे 9868943638 संपर्क कर सकते हैं।