सात दिन बेड रेस्ट पर रहेंगे रॉबर्ट वाड्रा
मेट्रो अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती रॉबर्ट वाड्रा को किया गया डिस्चार्ज मेट्रो अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती रॉबर्ट वाड्रा को किया गया डिस्चार्ज मेट्रो अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती रॉबर्ट वाड्रा को किया गया डिस्चार्ज
जागरण संवाददाता, नोएडा : कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा के पति व कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा अगले सात दिन बेड रेस्ट पर रहेंगे। डॉक्टरों ने उन्हें नियमित दवाओं के सेवन के साथ ही आराम करने की सलाह दी है। वह सोमवार सुबह करीब साढ़े 11 बजे सेक्टर-11 स्थित मेट्रो अस्पताल में अचानक से हुए पीठ में दर्द की शिकायत पर इलाज के लिए भर्ती हुए थे। मंगलवार शाम करीब चार बजे उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। जानकारी के अनुसार दिल्ली स्थित आवास में उन्हें अचानक से पीठ में दर्द शुरू हुआ। दर्द पीठ से होता हुआ उनके बाएं पैर के घुटनों तक पहुंचा। इस पर वह अचानक अपने फैमिली अस्पताल मेट्रो हॉस्पिटल एंड हॉर्ट इंस्टीट्यूट पहुंचे। डॉक्टरों ने एमआरआइ सहित कई अन्य जांच के बाद उन्हें अगले एक हफ्ते तक बेड रेस्ट की सलाह दी। वह एक दिन के लिए अस्पताल में ही रुक गए। मंगलवार देर शाम उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई।
रॉबर्ट वाड्रा का इलाज कर रहे वरिष्ठ ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. पुनीत दिलावरी ने मेडिकल बुलेटिन जारी करते हुए कहा कि वाड्रा की पीठ से शुरू हुआ दर्द उनकी कमर और शरीर के निचले हिस्से जांघ व घुटने तक पहुंचा। इससे उनकी रीढ़ की हड्डी में अकड़न बन गई थी । उन्हें कूल्हें, पसलियों व पैरों में दर्द की भी शिकायत हुई। एमआरआइ जांच के बाद उन्हें कुछ दिन आराम की सलाह दी गई है। चूंकि सभी व्यक्तियों के शरीर में वीयर एंड टीयर (टूटफूट) होता है। यह नर्व के पास होने से डिस्क को नुकसान पहुंचाता है। इससे कभी-कभी नर्व में सूजन आ जाती है। रॉबर्ट वाड्रा के केस में भी यही हुआ है।
पूरी रात पति के साथ अस्पताल में रहीं प्रियंका
रॉबर्ट वाड्रा के मेट्रो अस्पताल में भर्ती होने की भनक कांग्रेसियों को लगी तो मंगलवार सुबह से ही वहां लोगों का जमावड़ा शुरू हो गया। राहुल और सोनिया गांधी के भी अस्पताल पहुंचने की अटकलें चलते रहीं। लेकिन देर शाम तक उनकी पत्नी प्रियंका के अलावा कोई भी कोई भी गांधी फैमिली का सदस्य उनसे मिलने नहीं पहुंचा। प्रियंका सोमवार रात करीब आठ बजे भारी सुरक्षा बल के साथ अचानक से मेट्रो अस्पताल पहुंचीं। प्रियंका के अस्पताल पहुंचने की सूचना के बाद जिला प्रशासन की ओर से यहां की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई। प्रियंका पूरी रात अपने पति के साथ अस्पताल के द्वितीय तल पर बने वीआइपी लाउंज के कमरा संख्या-108 में ठहरीं। इस दौरान प्रियंका ने इलाज करने वाले डॉक्टरों से उनका हालचाल भी पूछा। इसके बाद मंगलवार सुबह करीब सात बजे रायबरेली में आयोजित कांग्रेस की बैठक में शामिल होने के लिए अस्पताल से निकलीं। बेटे का हाल जानने के लिए रॉबर्ट वाड्रा की मां मॉरीन वाड्रा भी करीब 12 बजे अस्पताल पहुंचीं। छुट्टी होने तक बेटे के ही साथ रहीं। कांग्रेस के स्थानीय नेता व कार्यकर्ता भी अस्पताल पहुंचे। लेकिन एसपीजी के सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें सुरक्षा का हवाला देकर बाहर ही रोक लिया। अस्पताल से डिस्चार्ज के दौरान सभी को मिलने का मौका दिया। जिसके चलते रॉबर्ट वाड्रा ने कांग्रेसी कार्यकर्ताओं सहित वहां मौजूद सभी का धन्यवाद किया।
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मेट्रो ही क्यों आए रॉबर्ट वाड्रा ?
राजधानी दिल्ली में कई बड़े अस्पताल होने के बावजूद भी रॉबर्ट वाड्रा नोएडा के मेट्रो अस्पताल क्यों पहुंचे? यह सवाल सोमवार और मंगलवार को पूरे दिन कई लोगों के लिए एक पहेली बना रहा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मेट्रो अस्पताल रॉबर्ट वाड्रा का फैमिली अस्पताल है। उनकी मां मॉरीन वाड्रा भी अक्सर अस्पताल में रूटीन चेकअप के लिए यहां आता-जाती रहती हैं। सोमवार को अचानक शुरू कमर दर्द के चलते रॉबर्ट वाड्रा ने दिल्ली में बड़े अस्पतालों में भर्ती होने के बजाय ही मेट्रो अस्पताल में इलाज कराना बेहतर समझा। गौरतलब है इससे पहले प्रियंका वाड्रा को अगस्त 2017 में डेंगू का बुखार आया था। वह कुछ दिनों के लिए दिल्ली स्थित सर गंगा राम अस्पताल में भर्ती हुई थीं। जबकि 2013 में पित्ताशय का ऑपरेशन कराने के लिए करोल बाग स्थित निजी अस्पताल में भर्ती हुई थीं।
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यह वीआइपी भी आ चुके है मेट्रो :
राबर्ट वाड्रा ही नहीं पूर्व प्रधानमंत्री व कांग्रेस नेता डॉ. मनमोहन सिंह, राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव, पूर्व सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव, पूर्व भाजपा अध्यक्ष लाल कृष्ण आडवाणी व गायिका लता मंगेशकर भी मेट्रो अस्पताल आ चुकी हैं।