बिल्डरों का पता नहीं होने से अटका डेढ़ अरब का राजस्व
जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा सरकारी विभागों की लापरवाही का आलम यह है कि विभाग एक-
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : सरकारी विभागों की लापरवाही का आलम यह है कि विभाग एक-दूसरे की मदद को तैयार नहीं हैं। बिना रजिस्ट्री कराए खरीदारों को फ्लैट पर कब्जा देने वाले बिल्डरों को नोटिस जारी करने के लिए निबंधन विभाग पत्र लिखकर तीनों प्राधिकरण से बिल्डरों का पता पूछ रहा है। प्राधिकरण कर्मचारी पता देने को तैयार नहीं हैं। विभागों में तालमेल की कमी से हजारों रजिस्ट्री रुकी पड़ी हैं। ऐसे में सरकार को लगभग डेढ़ अरब रुपये का राजस्व नहीं मिल पा रहा है।
सोसायटी निर्माण के लिए बिल्डरों के द्वारा प्राधिकरण से जमीन ली जाती है। बिल्डरों के कार्यालय का पता प्राधिकरण के पास ही होता है। जमीन लेने के बाद बिल्डरों ने हजारों की तादाद में फ्लैट बनाकर बेच दिए। जिन बिल्डरों ने प्राधिकरण के बकाये धन का भुगतान नहीं किया था, उन्होंने भी चोरी-छिपे फ्लैट बेचने के बाद बिना रजिस्ट्री कराए बिना खरीदारों को कब्जा दे दिया। कुछ माह पूर्व निबंधन विभाग को पता चला था कि जिले में 127 बिल्डर ऐसे हैं, जिन्होंने खरीदारों से रजिस्ट्री कराए बिना ही फ्लैट पर कब्जा दे दिया है। ऐसे फ्लैट की संख्या 14828 है। एक अनुमान के अनुसार यदि इन सभी फ्लैट की रजिस्ट्री हो जाती है तो सरकार को लगभग एक अरब 60 करोड़ का राजस्व मिलेगा। बिल्डरों पर कड़ाई कराने के लिए निबंधन विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। नोटिस देकर बिल्डरों से पूछा जाना है कि उनके यहां पर कितने फ्लैट हैं जिनकी रजिस्ट्री नहीं हुई है। जिस स्थान पर बिल्डरों के प्रोजेक्ट हैं विभाग के पास उनका पता तो है, लेकिन कार्यालय का नहीं है। ऐसे में बिल्डरों को नोटिस जारी करने की प्रक्रिया लंबित पड़ी हुई है।
--------- बिना रजिस्ट्री कराए 14 हजार से अधिक फ्लैट पर बिल्डरों ने कब्जा दे दिया है। ऐसे बिल्डरों को नोटिस जारी होना है। बिल्डरों के कार्यालय का पता जानने के लिए तीनों प्राधिकरण को पत्र लिखा गया था। अभी तक प्राधिकरण से जवाब नहीं मिला है।
श्याम सिंह, एआइजी दो