बाडी वार्न कैमरे से लैस हुए जेल कर्मचारी
जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा जेल की सुरक्षा को और पुख्ता करने के लिए जेल कर्मचारी बाडी वार्न कैमरे से लैस हो गए हैं। पहले चरण में जेल को पांच कैमरे मिल गए हैं।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा: जेल की सुरक्षा को और पुख्ता करने के लिए जेल कर्मचारी बाडी वार्न कैमरे से लैस हो गए हैं। पहले चरण में जेल को पांच कैमरे मिल गए हैं। जेल के अंदर बैरक के पास तैनात रहने वाले कर्मचारियों को यह कैमरे दिए गए हैं। सारी गतिविधियां कैमरे में ही रिकार्ड होती रहेंगी। यदि कर्मचारी किसी बंदी के साथ या बंदी द्वारा कर्मचारी के साथ गलत व्यवहार किया जाता है तो सच्चाई कैमरा बताएगा। जल्द ही अन्य कर्मचारियों के लिए भी कैमरे आने की उम्मीद है।
जेल में समय-समय पर विभिन्न घटनाएं होती रहती हैं। जेल कर्मचारियों पर भी विभिन्न प्रकार के आरोप लगते हैं। देखने में आता है कि कई बार जेल में बंद अपराधियों के द्वारा भी जेल कर्मचारियों से गलत व्यवहार किया जाता है। कई बार घटनाएं बड़ी हो जाती हैं। बाद में दोनों पक्ष अपने आप को सही बताता है, लेकिन कोई सबूत न होने के कारण सच्चाई का पता नहीं चल पाता है। इसे देखते हुए शासन स्तर पर कुछ माह पूर्व निर्णय हुआ था कि जेल में कर्मचारियों को बाडी वार्न कैमरे से लैस किया जाए। पहले चरण में आए कैमरों को बैरक के पास तैनात रहने वाले कर्मचारियों को दिया गया।
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क्या है बाडी वार्न कैमरा
बाडी वार्न कैमरा सामान्य सीसीटीवी कैमरे की तरह होता है। इसमें रिकार्डिग की सुविधा भी होती है। वर्दी पर लगाने के लिए कैमरे में क्लिप लगी रहती है। आन करने के साथ ही कैमरा सामने की तरफ की सभी चीजों को स्वयं ही रिकार्ड करता रहता है।
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सभी बातें होगी रिकार्ड
जेल में बड़े-बड़े अपराधी बंद रहते हैं। कई बार वह जेल में गलत हरकत करते रहते हैं। जेल में तैनात कर्मचारी जब बाडी वार्न कैमरे से लैस रहेंगे तो अपराधी गलत हरकत करने से बचेंगे।
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पूर्व में पुलिस विभाग को मिल चुके हैं कैमरे लगभग दो वर्ष पूर्व पुलिस विभाग को कैमरे दिए गए थे। कोतवाली प्रभारी व कुछ अन्य अधिकारियों के लिए कैमरे आए थे। शुरुआत के लगभग कुछ सप्ताह तक कर्मचारियों ने कैमरे लगाए थे। बाद में उतार दिए गए। अब कैमरों का अता-पता भी नहीं है।
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बैरक के बाहर ड्यूटी पर रहने वाले कर्मचारियों को कैमरे दिए गए हैं। इन कैमरों का फायदा जेल प्रबंधन को मिलेगा। जल्द ही और कैमरे मिलने की उम्मीद है।
-भीम सैन मुकुंद, जेल अधीक्षक, गौतमबुद्धनगर