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जिदगी पर भारी पड़ रहे तनाव को कम करेगी पुलिस

कोरोना संकट काल में उपजा मानसिक तनाव लोगों की जिदगी पर भारी पड़ रहा है। इसे खत्म करने के लिए नोएडा पुलिस मानसिक रोग विशेषज्ञ का सहारा लेगी।

By JagranEdited By: Published: Sun, 04 Apr 2021 09:38 PM (IST)Updated: Sun, 04 Apr 2021 09:39 PM (IST)
जिदगी पर भारी पड़ रहे तनाव को कम करेगी पुलिस
जिदगी पर भारी पड़ रहे तनाव को कम करेगी पुलिस

मोहम्मद बिलाल, नोएडा

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कोरोना संकट काल में उपजा मानसिक तनाव लोगों की जिदगी पर भारी पड़ रहा है। इसे खत्म करने के लिए नोएडा पुलिस मानसिक रोग विशेषज्ञ का सहारा लेगी। एनजीओ की मदद से सेक्टर, सोसायटी व शिक्षण संस्थानों में जागरूकता शिविर आयोजित किए जाएंगे, जिससे मानसिक तनाव को काबू में करने के बारे में लोगों को जानकारी दी जाएगी।

कोरोना काल में मानसिक तनाव के चलते लोग अवसाद का शिकार हो रहे हैं और उसी से उन्हें मानसिक बीमारी जकड़ रही हैं। यह व्यक्ति में जीने की इच्छा समाप्त कर रही है। अवसाद से तंग आकर लोग अपना जीवन समाप्त कर रहे हैं। पोस्टमार्टम हाउस से मिली जानकारी के मुताबिक इस वर्ष शुरुआती 3 माह में 70 से अधिक ऐसे लोग को पोस्टमार्टम हुआ है, जिन्होंने खुद मौत को गले लगाया है। जबकि पिछले वर्ष करीब 50 ऐसे लोगों का पोस्टमार्टम हुआ था। इस बार सबसे अधिक मार्च में लोगों ने आत्महत्या की है।

सेक्टर-94 स्थित पोस्टमार्टम हाउस में कार्यरत एक डाक्टर ने बताया कि शायद ही कोई ऐसा दिन हो जब मौत को गले लगाने वाले लोगों का शव नहीं आता हो। इनमें भी सबसे अधिक युवा वर्ग शामिल है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग को आत्महत्या संबंधित मामलों की रोकथाम के लिए उपाय करने होंगे।

मानसिक रोग विशेषज्ञ डा. सुनील अवाना ने बताया कि कोरोना काल के बाद से मानसिक तनाव लोगों में इतना बढ़ गया है कि वह गुस्से में आकर अपना जीवन समाप्त कर रहे हैं। इनमें सभी आयु वर्ग के लोग शामिल हैं, लेकिन अधिकांश युवा व व्यस्क है। स्वजन का ज्यादा ध्यान न देना आत्महत्या का कारण है क्योंकि जब कोई व्यक्ति ज्यादा अवसाद का शिकार हो जाता है तो उसकी जीने की इच्छा समाप्त हो जाती है।

उन्होंने बताया कि ऐसे व्यक्ति को स्वजन द्वारा धैर्य दिलाना चाहिए। उनके अंदर जिदगी जीने की चाहत पैदा करनी चाहिए। अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। सुबह जल्दी उठाकर उसे घुमाना चाहिए। उसके सामने ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए कि जिदगी से उसका मोह भंग हो। आत्महत्या के कारण

-पारिवारिक कलह

-परीक्षा में असफलता

-गंभीर बीमारी का होना

-आर्थिक कमजोरी व मानसिक विकार ऐसे बेहतर रखें विचार

-सही दिनचर्या अपनाएं

-अपने शौक को जिदगी का हिस्सा बनाएं

-खुलकर हंसे, मुस्कराएं और अपनी बातों को साझा करें

-शारीरिक व्यायाम को रोजमर्रा की जिदगी का हिस्सा बनाएं

-अपनी क्षमता के हिसाब से करियर और रिश्तों का चुनाव करें पिछले दो वर्ष के तुलनात्मक आंकड़े

वर्ष - जनवरी फरवरी मार्च

2020, 16, 19, 15

2021, 19, 21, 30 आत्महत्याओं की रोकथाम के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। लोगों को जागरूक करने के लिए मानसिक रोग विशेषज्ञ के साथ एनजीओ की मदद ली जाएगी।

- रणविजय सिंह, एडिशनल डीसीपी नोएडा


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