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दिल्ली जा रहे किसानों को जेवर टोल पर रोका

किसान आंदोलन के समर्थन में भारतीय किसान यूनियन भानु के कार्यकर्ता बीते दो सप्ताह से दिल्ली के चिल्ला बार्डर पर डटे हैं। मंगलवार को सरकार के साथ वार्ता विफल होने के बाद संगठन के मुखिया ठाकुर भानुप्रताप सिंह की ओर से बुधवार को चिल्ला बार्डर पर महापंचायत का ऐलान किया गया था।

By JagranEdited By: Published: Wed, 09 Dec 2020 09:10 PM (IST)Updated: Wed, 09 Dec 2020 09:10 PM (IST)
दिल्ली जा रहे किसानों को जेवर टोल पर रोका
दिल्ली जा रहे किसानों को जेवर टोल पर रोका

संवाद सहयोगी, जेवर : किसान आंदोलन के समर्थन में भारतीय किसान यूनियन भानु के कार्यकर्ता बीते दो सप्ताह से दिल्ली के चिल्ला बार्डर पर डटे हैं। मंगलवार को सरकार के साथ वार्ता विफल होने के बाद संगठन के मुखिया ठाकुर भानुप्रताप सिंह की ओर से बुधवार को चिल्ला बार्डर पर महापंचायत का ऐलान किया गया था। इसमें शामिल होने के लिए जिले के किसान भी पहुंच रहे थे। ऐसे में बुधवार सुबह से ही पुलिस ने किसानों को महापंचायत में पहुंचने से रोकने के लिए यमुना एक्सप्रेस-वे पर किलेबंदी शुरू कर दी थी।

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गौतमबुद्धनगर में धारा 144 लागू होने पर पुलिस व प्रशासन पहले से चौकन्ना रहा। सुबह करीब 10 बजे जेवर क्षेत्र से करीब 40 किसान गाड़ियों में सवार होकर यमुना एक्सप्रेस-वे के जेवर टोल पर पहुंचे, जहां पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद किसानों ने नारेबाजी शुरू कर दी। सूचना पर पहुंचे एसीपी जेवर शरद चंद शर्मा व कोतवाली प्रभारी उमेश बहादुर सिंह ने धारा 144 व कोरोना महामारी का हवाला देते हुए समझाने का प्रयास किया, लेकिन किसान दिल्ली जाने की जिद पर अड़े रहे। जेवर पहुंचे संगठन प्रदेश अध्यक्ष

यमुना एक्सप्रेस-वे पर विभिन्न स्थानों व टोल प्लाजा पर आगरा से परी चौक तक की गई किलेबंदी से ज्यादातर किसान दिल्ली पहुंचने में विफल रहे। पुलिस की ओर से यमुना एक्सप्रेस-वे पर किसानों के रोके जाने की सूचना पर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष योगेश प्रताप सिंह, प्रदेश महासचिव ठाकुर सुनील सिंह अन्य पदाधिकारियों के साथ जेवर टोल पहुंचे। यहां उन्होंने पुलिस अधिकारियों से किसानों को न रोकने की अपील की। डीसीपी राजेश कुमार ने कमान संभाली हुई थी। किसान नेताओं व पुलिस अधिकारियों के बीच करीब एक घंटे की वार्ता के बाद भी किसानों को आगे जाने देने पर सहमति नहीं बन सकी। इसके बाद किसान नेता वापस दिल्ली लौट गए।


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