पीएमआइसी ने लगाई ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी के चयन पर मुहर
प्रदेश की परियोजना निगरानी एवं क्रियान्वयन समिति (पीएमआइसी) ने जेवर एयरपोर्ट के निर्माण एवं संचालन के लिए चयनित ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी के नाम पर मुहर लगा दी। पीएमआइसी की बैठक मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सोमवार को लखनऊ में हुई। अब प्रदेश कैबिनेट में इसे मंजूरी के लिए रखा जाएगा। जेवर एयरपोर्ट के लिए प्रति यात्री राजस्व की सबसे अधिक बोली लगने पर पीएमआइसी ने प्रशंसा की।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : प्रदेश की परियोजना निगरानी एवं क्रियान्वयन समिति (पीएमआइसी) ने जेवर एयरपोर्ट के निर्माण एवं संचालन के लिए चयनित ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी के नाम पर मुहर लगा दी। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सोमवार को लखनऊ में पीएमआइसी की बैठक हुई। अब प्रदेश कैबिनेट में इसे मंजूरी के लिए रखा जाएगा। जेवर एयरपोर्ट के लिए प्रति यात्री राजस्व की सबसे अधिक बोली लगने पर पीएमआइसी ने नियाल के अधिकारियों प्रशंसा की।
बता दें कि जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए 29 नवंबर को खोली गई फाइनेंशियल बिड ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी ने अडानी इंटरप्राइजेज को पछाड़ते हुए हासिल की है। कंपनी ने प्रति यात्री 400.97 रुपये राजस्व की बोली लगाई थी।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नियाल) के अधिकारियों द्वारा पीएमआइसी के सदस्यों को सोमवार को हुई बैठक में जेवर एयरपोर्ट के लिए ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी के चयन की जानकारी दी गई। इस दौरान पीएमआइसी के सदस्यों ने नियाल के अधिकारियों से जानकारी ली कि जेवर एयरपोर्ट के लिए प्रति यात्री मिलने वाला राजस्व अन्य एयरपोर्ट के सापेक्ष कितना अधिक या कम है। इस पर नियाल अधिकारियों ने समिति को जानकारी दी कि देश के सभी एयरपोर्ट से प्रति यात्री मिलने वाले राजस्व के सापेक्ष जेवर एयरपोर्ट से मिलने वाला राजस्व सबसे अधिक होगा। समिति ने इसके लिए नियाल के अधिकारियों की प्रशंसा की और परियोजना को समय से पूरा कराने के लिए उचित कदम उठाने के निर्देश दिए।
पीएमआइसी की मुहर लगाने के बाद जेवर एयरपोर्ट के निर्माण एवं संचालन के लिए ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी के चयन का प्रस्ताव प्रदेश कैबिनेट में रखा जाएगा। कैबिनेट की मुहर लगाने के बाद कंपनी के चयन की अधिसूचना जारी होगी।
नियाल के नोडल अफसर शैलेंद्र भाटिया ने बताया कि पीएमआइसी ने ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी के चयन पर सहमति दे दी है। इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। सबसे अधिक राजस्व की बोली लगने पर पीएमआइसी ने प्रशंसा की है।