जिला अस्पताल में जांच बंद होने से मरीज परेशान
सेक्टर-30 स्थित जिला अस्पताल में हार्मोन समेत कई अहम जांच बंद होने से मरीजों को परेशानी हो रही है। करार खत्म होने से पिछले 20 दिनों से खन्ना लैब में ताला लटका है। इससे मरीज निजी लैब जाने को मजबूर है। विभाग आचार संहिता का हवाला देकर लैब से करार करने में कतरा रहा है।
जागरण संवाददाता, नोएडा:
सेक्टर-30 स्थित जिला अस्पताल में हार्मोन समेत कई अहम जांच बंद होने से मरीजों को परेशानी हो रही है। करार खत्म होने से पिछले 20 दिनों से खन्ना लैब में ताला लटका है। इससे मरीज निजी लैब जाने को मजबूर है। विभाग आचार संहिता का हवाला देकर लैब से करार करने में कतरा रहा है।
संयुक्त जिला अस्पताल में डॉ. खन्ना पैथकेयर लेबोरेटरी की शाखा का संचालन होता है। लैब में मरीजों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा जाता था। दो दिन बाद लैब से मरीजों को रिपोर्ट प्राप्त होती है। 31 मार्च को अस्पताल से करार खत्म होने के बाद लैब में ताला लटका है। इसके चलते विटामिन, हॉर्मोन, थॉयराइड समेत सभी अहम जांच नहीं हो पा रही। मरीजों को जांच के लिए निजी लैब सेंटर भेजा जा रहा है। पैथोलॉजिस्ट डॉ. एचएम लवानिया ने बताया पैथकेयर से करार खत्म होने के बाद से जांच के सैंपल नहीं लिए जा रहे है। शनिवार को 50 रोगियों को बिना जांच लौटना पड़ा। अस्पताल से करार खत्म होने के बाद 20 दिन पहले खन्ना लैब ने जांच सेवाएं बंद कर दी हैं। करार का नवीनीकरण होने पर जांच शुरू की जाएंगी। दरअसल स्वास्थ्य विभाग मरीजों को महंगी जांच से राहत दिलाने के लिए प्रदेश के कई सरकारी अस्पतालों में खन्ना लैंब संचालित करा रहा है। लेकिन इस वर्ष विभाग आचार संहिता से पहले लेबोरेटरी से दोबारा करार कर पाने में असफल रहा। इसके चलते मरीजों को निजी लैब के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। यहां उनकी जेब ढीली हो रही है। आदर्श आचार संहिता लागू होने की वजह से खन्ना पैथ केयर लैब से करार नहीं हो सका है। लैब बंद होने की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी गई है। अस्पताल का लैब के साथ करार आगे बढ़ाने का प्रयास जारी है।
- डॉ. अनुराग भार्गव, सीएमओ