परियोजनाओं का निरीक्षण कराने के बाद आदेश जारी करेगा रेरा
उत्तर प्रदेश भू संपदा विनियामक प्राधिकरण यूपी रेरा में मंगलवार को विभिन्न बिल्डरों के मामलों में सुनवाई हुई। पीठ दो व न्याय निर्णायक अधिकारी की कोर्ट में सुनवाई के बाद कई मामलों में आदेशों को सुरक्षित किया गया है। पीठ दो में पीठ सदस्य बलविदर कुमार ने 52 मामलों में सुनवाई हुई। इस दौरान अदविक होम्स प्राइवेट लिमिटेड राइस प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड निवास प्रमोटर्स बिल्ड डायरेक्ट सेल्स प्राइवेट लिमिटेड कृष्णा एसोसिएट्स डेवलपर्स गोल्फ ग्रीन्स रेजीडेंसी
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : उत्तर प्रदेश भू संपदा विनियामक प्राधिकरण यूपी रेरा में मंगलवार को विभिन्न बिल्डरों के मामलों में सुनवाई हुई। पीठ दो व न्याय निर्णायक अधिकारी की कोर्ट में सुनवाई के बाद कई मामलों में आदेशों को सुरक्षित किया गया है। पीठ दो में पीठ सदस्य बलविदर कुमार ने 52 मामलों में सुनवाई की। इस दौरान अदविक होम्स प्राइवेट लिमिटेड, राइस प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड, निवास प्रमोटर्स, बिल्ड डायरेक्ट सेल्स प्राइवेट लिमिटेड, कृष्णा एसोसिएट्स डेवलपर्स, गोल्फ ग्रीन्स रेजीडेंसी प्राइवेट लिमिटेड, ग्रेडेनिया एम्स डेवलपर्स बलंद व अंसल अर्बन आदि बिल्डर परियोजनाओं के मामलों में सुनवाई हुई। पीठ सदस्य बलविदर कुमार ने अदविक होम्स प्राइवेट लिमिटेड के मामलों में सुनवाई के बाद परियोजना का निरीक्षण कराने का फैसला लिया है। सुनवाई के दौरान खरीदारों ने बिल्डर पर आरोप लगाया है कि बिल्डर की परियोजना पिछले कई साल से निर्माणाधीन है। परियोजना का निर्माण कार्य पूरे होने के आसार होते दिखाई नहीं दे रहे है। जबकि बिल्डर प्रतिनिधि ने परियोजना के पूरा किए जाने का दावा किया है। बिल्डर प्रतिनिधि का दावा है कि परियोजना के कई टॉवर बनकर तैयार हो चुके है। जिनमें फिनिसिग का काम भी शुरू हो गया है। ओसी सीसी के लिए आवेदन कर जल्द खरीदारों को फ्लैटों पर कब्जा दे दिया जाएगा। जिसके बाद रेरा सदस्य ने परियोजना का निरीक्षण कराने के बाद आदेश जारी करने का फैसला सुनाया। रेरा टीम जल्द ही परियोजना का निरीक्षण कर पीठ सदस्य को जांच रिपोर्ट सौंपेगी। इसके साथ ही पीठ सदस्य ने राइस प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के मामलों की सुनवाई के बाद पब्लिक नोटिस जारी कर बिल्डर से जवाब मांगा है। न्याय निर्णायक अधिकारी की कोर्ट में भी विभिन्न बिल्डरों के मामलों में सुनवाई हुई। सुनवाई पूरी करने के बाद न्याय निर्णायक अधिकारी की कोर्ट ने छह मामलों में देरी से कब्जा देने के आरोप में अपना फैसला सुनाते हुए बिल्डर को लेट पेनल्टी देने का आदेश जारी किया है।