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वायु सेना घोटाले की निष्पक्ष जांच के आदेश, जांच अधिकारी पर होगी कार्रवाई

जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा जिले के बहुचर्चित वायु सेना भूमि घोटाले की जांच कर रहे स

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 Jul 2020 08:27 PM (IST)Updated: Sun, 05 Jul 2020 08:27 PM (IST)
वायु सेना घोटाले की निष्पक्ष जांच के आदेश, जांच अधिकारी पर होगी कार्रवाई
वायु सेना घोटाले की निष्पक्ष जांच के आदेश, जांच अधिकारी पर होगी कार्रवाई

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : जिले के बहुचर्चित वायु सेना भूमि घोटाले की जांच कर रहे सब इंस्पेक्टर की कार्यप्रणाली पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है। एडीजी पवन प्रताप सिंह की कोर्ट ने टिप्पणी की है कि मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए। इसके लिए कोर्ट ने जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर को पत्र लिखा है और जांच अधिकारी पर कार्रवाई के लिए पुलिस आयुक्त को पत्र भेजा गया है। इसमें कहा गया है कि 15 दिन के अंदर जांच अधिकारी पर कार्रवाई कर सूचित करें। आरोप है कि जांच अधिकारी ने घोटाले के आरोपित कमल खनचंदानी की जमानत अर्जी पर हुई दो बार सुनवाई के दौरान कोर्ट में जो तर्क पेश किए, जिसमें विरोधाभास पाया गया है।

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दरअसल, बीटा दो कोतवाली पुलिस वायु सेना भूमि घोटाले की जांच कर रही है। बीते दिनों पुलिस ने आरोपित कमल खनचंदानी को गिरफ्तार किया था। उसकी दूसरी जमानत अर्जी पर शनिवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज कर दी। जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष प्रमेंद्र भाटी ने बताया कि नोएडा के नगली नगला गांव में वायु सेना की 377 एकड़ जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया था। दिल्ली के रहने वाले भू माफिया कमल खनचंदानी ने फर्जी का कागज तैयार किए और फार्म हाउस बनाकर बेच दिए थे। फर्जीवाड़े का पता चलने पर जनवरी में उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। जून में पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार किया। जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर नागेंद्र पाल सिंह ने आरोपित की पहली जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान कोर्ट में आख्या पेश की और कोर्ट को बताया कि आरोपित फर्जीवाड़े में संलिप्त है। वहीं दूसरी बार जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान जांच अधिकारी ने कोर्ट में दाखिल आख्या में बताया कि दोनों पक्षों के बीच कोई विवाद नहीं है। दोनों पक्षों का आपस में समझौता हो गया है। इस पर कोर्ट ने सवाल उठाया कि जब पहली आख्या के मुताबिक जमीन को वायु सेना का बताया गया तो दूसरी आख्या में दूसरा पक्ष किसे बताया जा रहा है और उससे कैसे समझौता हो गया। ऐसे में जांच अधिकारी की कार्यशैली पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने उस पर कार्रवाई करने के लिए कहा है।


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