Move to Jagran APP

तीसरी लहर में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या महज 0.5 फीसद : योगी आदित्यनाथ

- मुयमंत्री ने प्रदेश के कोविड अस्पतालों की सुविधा पर जताया संतोष जागरण संवाददाता ग्रेटर नोए

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 08:13 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 08:13 PM (IST)
तीसरी लहर में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या महज 0.5 फीसद  : योगी आदित्यनाथ
तीसरी लहर में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या महज 0.5 फीसद : योगी आदित्यनाथ

- मुख्यमंत्री ने प्रदेश के कोविड अस्पतालों की सुविधा पर जताया संतोष

loksabha election banner

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा :

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना काल में देश व प्रदेश के कोरोना योद्धाओं व स्वास्थ्य विभाग के असाधारण कार्य की सरहाना करते हुए पूरे विश्व के लिए उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में कोविड-19 के प्रबंधन का कार्य विश्वभर में सराहा गया। पहली लहर को सफलतापूर्वक नियंत्रण के बाद, दूसरी लहर में भी असाधारण कार्य किया। हालांकि आक्सीजन की कुछ समस्या देखने को मिली। भारत सरकार ने आक्सीजन स्पेशल ट्रेन, एयरफोर्स के जहाज से आक्सीजन की आपूर्ति कराई। आक्सीजन आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने में कामयाबी हासिल की। तीसरी लहर में भर्ती होने वालों की संख्या बहुत कम है। कुल संक्रमितों में से 0.5 फीसद ही भर्ती हुए हैं। यह राहत की खबर है। वह बुधवार को ग्रेटर नोएडा के राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान के कोविड अस्पताल के निरीक्षण के लिए आए थे। इस दौरान सांसद डा. महेश शर्मा व जिम्स निदेशक ब्रिगेडियर डा. राकेश कुमार गुप्ता मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिल्ली भाजपा मुख्यालय से सड़क के रास्ते ग्रेटर नोएडा आए। उन्होंने सबसे पहले जिम्स में कोरोना सैंपल एकत्र करने वाले कर्मियों से बात की। दिनभर में कितने सैंपल और कितनी देर में रिपोर्ट तैयार होती है, इसकी जानकारी ली। इसके बाद फ्लू ओपीडी का निरीक्षण करते हुए कोविड कंट्रोल रूम गए। यहां उन्होंने सीसीटीवी से कोविड वार्ड का मुआयना किया। वीडियो काल से कोविड मरीज से बात

मुख्यमंत्री ने वीडियो काल के जरिये आयुष्मान भारत की लाभार्थी पारुल वर्मा से बात की। मरीज से सुविधाओं व समस्याओं के बारे में पूछा। मरीज की प्रतिक्रिया पर संतुष्टि जताई। इसके बाद टीकाकरण केंद्र पर पहुंच कर टीका लगवाने पहुंचे लोगों व स्वास्थ्यकर्मियों की टीम से बातचीत की। टीकाकरण में गौैतमबुद्ध नगर ने किया बेहतरीन कार्य

मुख्यमंत्री ने गौतमबुद्ध नगर स्वास्थ्य विभाग, जिम्स प्रशासन व प्रशासन की टीकाकरण को लेकर किए कार्य की सराहना की। उन्होंने कहा कि जिले में 100 फीसद लोगों को पहली डोज दी गई है। 15-17 वर्ष के एक लाख 16 हजार को डोज लगी। वहीं अब तक 92 फीसद को दूसरी डोज लग चुकी है। बूस्टर डोज 46 फीसद को दी गई। यूपी में 23 करोड़ 75 लाख डोज उपलब्ध कराई गई। राष्ट्रीय औसत के मुकाबले प्रदेश की स्थित काफी बेहतर है। प्रदेश में पहली डोज 95 फीसद से अधिक उपलब्ध कराई गई। 62 फीसद दूसरी डोज लगाई गईं। 15 से 17 वर्ष के प्रदेश में एक करोड़ 40 लाख डोज दी जानी है, जिसमें से 62 लाख 83 हजार उपलब्ध कराई। बूस्टर डोज अब तक पांच लाख 29 हजार उपलब्ध कराई गईं। प्रदेश में लगे 551 आक्सीजन प्लांट

उन्होंने बताया कि अब तक प्रदेश में 551 प्लांट लगे हैं, जिसमें से 11 गौतमबुद्ध नगर में हैं। गौतमबुद्ध नगर में 9200 संक्रमित हैं जिसमें से 200 लोग ही भर्ती है। यह वे लोग है जो किसी बीमारी से पीड़ित हैं। प्रदेश में करीब 5500 स्थानों पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम बनाए गए हैं। निगरानी समिति के माध्यम से सर्दी, जुखाम, बुखार होने वाले व्यक्ति को उस तक 24 घंटे में दवा उपलब्ध कराना है। प्रदेश मुख्यालय व मुख्यमंत्री कार्यालय से लगातार निगरानी रखी जा रही है। जिम्स ने किया सराहनीय कार्य

सीएम ने कहा कि जिम्स ने पहली व दूसरी लहर में सराहनीय कार्य किया था। तीसरी लहर से पहले 450 बेड का कोविड डेडिकेटेड अस्पताल है। 300 बेड आक्सीजन के 120 बेड वेंटिलेटर के हैं। यहां कोविड मरीजों की भर्ती की संख्या बहुत कम है। पूरी टीम सजग होकर काम कर रही है। पहली और दूसरी लहर में जिम्स के अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों का भ्रमण किया था। दिल्ली के नजदीक होने के कारण गौतमबुद्ध नगर का निरीक्षण करने आया हूं। यहां स्वास्थ्य विभाग, जिम्स, कोरोना योद्धाओं ने कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए बीमारी को फैलने से रोका है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.