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जागरण विशेष : पीड़ा को बनाया हथियार, पानी न बहे बेकार

पारुल रांझा नोएडा जल है तो कल है यह बात मन में तो थी लेकिन इस बात को लेकर मन में प

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Sep 2020 09:16 PM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 09:16 PM (IST)
जागरण विशेष : पीड़ा को बनाया हथियार, पानी न बहे बेकार
जागरण विशेष : पीड़ा को बनाया हथियार, पानी न बहे बेकार

पारुल रांझा, नोएडा :

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जल है तो कल है, यह बात मन में तो थी, लेकिन इस बात को लेकर मन में पीड़ा उस समय घर कर गई, जब आरओ मशीन के चलने के दौरान भारी मात्रा में पानी को बर्बाद होते हुए देखा। इस पीड़ा को शांत करने के साथ पानी की बर्बादी रोकने के लिए नोएडा के विक्रमादित्य ने एक ऐसा डिवाइस बनाया, जिससे घरों व पार्कों में पानी की बर्बादी को रोका जा सके। ऑटोमेटेड प्लांट वाटरिग सिस्टम नाम की यह डिवाइस तापमान और मिट्टी की नमी को भाप कर स्वयं उचित मात्रा में ही सिचाई करता है। इस डिवाइस को बनाने के लिए सेंसर और पंप के बारे में जानकारी जुटाने के बाद कोड और डिजाइन को विकसित किया।

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184 शहरों में हो रही पानी की बचत

श्रीराम मिलेनियम स्कूल में 12वीं कक्षा के छात्र विक्रमादित्य ने 2018 में वाई वेस्ट प्रोग्राम के जरिये लोगों को जल बचाने के लिए जागरूक करना शुरू किया। सबसे पहले अपने स्कूल में आरओ प्लांट के बेकार पानी का ग्राउंड वाटर रिचार्जिंग और फायर होज टैंक फिटिग में उपयोग किया। इससे स्कूल में प्रतिवर्ष तीन लाख लीटर पानी बर्बाद होने से बचा। इसके बाद ऐसे यंत्र बनाए, जिससे हाथ धोते वक्त 90 फीसद तक पानी बचे। आज देश के 184 शहरों में इनका वाई वेस्ट प्रोग्राम करोड़ों लीटर पानी की बर्बादी रोकने में जुटा है।

---- तीन माह में तैयार किया डिवाइस

वाई वेस्ट प्रोग्राम के सफल नतीजों के बाद यह मुहिम देश के पांच हजार स्कूलों में शुरू कर दी गई। नीति आयोग से भी इस पहल को समर्थन मिला। इसके बाद पार्कों में पौधों की सिचाई के दौरान पानी की बर्बादी रोकने के लिए प्लॉट वॉटरिग सिस्टम नामक डिवाइस बनाई। सोल्डरिग टूल न होने के चलते उन्होंने कुछ हार्डवेयर के लिए इन्फोनिक्स सॉल्युशंस से संपर्क किया। तीन माह में मात्र एक हजार रुपये में डिवाइस तैयार कर डाली।

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ऐसे करता है काम

डिवाइस में डीएचटी 22 सेंसर का उपयोग किया गया है, जो तापमान, आ‌र्द्रता और नमी को जांचता है। यह डेटा आर्डयूनो माइक्रो कंट्रोलर को भेजा जाता है, जहां कोड पौधे को पानी की आवश्यकता, मिट्टी की नमी का स्तर और तापमान निर्धारित करता है। फिर कनेक्टेड वॉटर पंप को संदेश भेजता है कि पानी को सीमित समय व जरूरत पूरी होने तक ही पहुंचाया जाए। विक्रमादित्य डिवाइस को देश के बड़े पार्कों में लगवाना चाहते हैं।


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