Move to Jagran APP

कोरोना के साथ सिस्टम की भी मार, ग्रेटर नोएडा में परिवार समेत शौचालय में रहने को मजबूर महिला

मकान मालिक ने किराया न दे पाने पर घर से निकाला तो इस असहाय महिला ने पति और बच्चों के साथ शौचालय को ही अपना आशियाना बना लिया है। लाचारी का आलम यह है कि यह महिला कई महीनों से शौचालय में ही अपने परिवार के साथ रह रही है।

By Jp YadavEdited By: Published: Tue, 25 May 2021 03:48 PM (IST)Updated: Tue, 25 May 2021 03:52 PM (IST)
कोरोना के साथ सिस्टम की भी मार, ग्रेटर नोएडा में परिवार समेत शौचालय में रहने को मजबूर महिला
कोरोना के साथ सिस्टम की भी मार, ग्रेटर नोएडा में परिवार समेत शौचालय में रहने को मजबूर महिला

ग्रेटर नोएडा/बिलासपुर [घनश्याम पाल]। दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के हाईटेक जिले गौतमबुद्ध नगर में मानवीय संवेदनाओं के तार-तार होने के मामला मामला सामने आया है। कोरोना काल के दौरान एक परिवार जिंदगी की जद्दोजहद में अपना सबकुछ लुटा बैठा। फिलहाल कस्बा बिलासपुर में सिस्टम की पोल खोलते हुए परिवार की महिला अपने बच्चों के साथ शौचालय में रहने के मजबूर हैं। मकान मालिक ने किराया न दे पाने पर घर से निकाला तो इस असहाय महिला ने पति और बच्चों के साथ शौचालय को ही अपना आशियाना बना लिया है। लाचारी का आलम यह है कि यह महिला कई महीनों से शौचालय में ही अपने परिवार के साथ रह रही है। उधर, प्रदेश में योगी सरकार की तरफ से प्रधानमंत्री आवास सहित सैकड़ों योजनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही हैं, लेकिन इन योजनाओं का लाभ पात्र लोगों को नहीं मिल पा रहा है।

loksabha election banner

मिली जानकारी के मुताबिक, वर्षों से बिलासपुर कस्बा के सिरजेखानी मोहल्ला में किराए के मकान में रहने वाली गुलिस्ता अपने पति व 10 साल की बेटी के साथ रहती थी। लॉकडाउन के दौरान कामकाज ठप पड़ने के चलते आर्थिक स्थिति कमजोर हुई तो मकान खाली करना पड़ा। बताया जा रहा है कि कई महीनों का किराया बकाया होने पर मकान मालिक ने महिला और उसके बच्चों को घर से निकाल दिया। फिलहाल शौचालय में पति व बच्चों के साथ रह रही महिला की मानसिक हालत भी ठीक नहीं बताई जा रही है।

पति को नहीं मिल रहा काम, पेट भरना भी मुहाल

मेहनत मजदूरी करने वाले परिवार के मुखिया राजूल्ल को काम नहीं मिलने के कारण बिलासपुर स्थित महिला सुलभ शौचालय को ही महिनों पहले अपना आशियाना बना लिया। यह खबर इसलिए चर्चा में है क्योंकि मंगलवार को नगर पंचायत सफाई नायक सुलभ शौचालय का सफाई कराने को लेकर महिला का सामना को भी शौचालय से बाहर करा दिया गया। भुखमरी के कगार पर पहुंची पीड़ित महिला गुलिस्ता बेटी सना व पति राजूल्ल की मानसिक स्थिति भी कमजोर बताई जा रही है।

Indian railway News: दिल्ली और बिहार के बीच चलने वालीं स्पेशल ट्रेनें निरस्त, यूपी के लोग भी होंगे प्रभावित

एनसीआर क्षेत्र आर्थिक समृद्धिशाली जिला के सदर तहसील व ग्रेटर नोयडा विकास प्राधिकरण क्षेत्र में ऐसी घटना शासन प्रशासन व क्षेत्र के लिए शर्मसार करने वाली है। सभी को ऐसे परिवार को आगे बढकर मदद करनी चाहिए।- कोमल भाटी, प्रधान बांजरपुर

एक तरफ सरकार प्रशासन और समाजसेवी समाज से उपेक्षित और परिवार से उपेक्षित ऐसे लोगों को उत्थान के लिए लंबे-लंबे भाषण देती है। सरकार और प्रशासन ऐसे उपेक्षित महिलाओं के विकास उत्थान को लेकर दम भरती है, तो वहीं एक महिला को सरकारी योजना के लाभ से तो वंचित होना ही पड़ रहा है। महिला को आशियाना की तो दूर की बात, कोई सरकारी योजना का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है ताकि वह अच्छी तरह से जिंदगी जी सके। -पूनम, सामाजिक कार्यकर्ता

मंगलवार को सुलभ शौचालय की सफाई सफाई नायक के नए में कराई जा रही थी। पता चला है कि एक मानसिक पीड़ित महिला परिवार संग यहां रह रही है। पीडित महिला को नारी निकेतन भेजने के लिए प्रयास किया जा रहा है। - विनय कुमार पांडे, अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत बिलासपुर

ग्रुप पर एक महिला का वीडियो वायरल होने से मुझे पता लगा कि एक महिला नगर पंचायत के महिला शौचालय में रह रही है । नगर पंचायत के लोगों ने उसे वहां से हटाया तो अब उस महिला के लिए समस्या आ गई कि वह महिला कहां रहे । वह महिला कुछ मानसिक विक्षिप्त है । तो मैंने चेयरमैन साहब से संपर्क किया । उन्होंने उस महिला को वृद्ध आश्रम में पहुंचाने का आश्वासन दिया । लेकिन यह अंतिम विकल्प नहीं है। क्योंकि महिला की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है अतः महिला एवं बाल विकास परिषद मंडल शाखा मेरठ की अध्यक्ष होने के नाते उच्च अधिकारियों से इस संदर्भ में सहयोग मांगेंगे और ताकि उस महिला को आसरा मिलने के साथ-साथ समाजसेवी संस्थाओं के द्वारा इलाज कराना भी संभव हो सकेगा। - ममता शर्मा, अध्यक्ष मेरठ मंडल महिला एवं बाल विकास परिषद

शासन-प्रशासन को तत्काल प्रभाव से संज्ञान लेना चाहिए। लॉकडाउन कोरोनाकाल में मजदूर गरीब तबके के लोगों के सामने भुखमरी जैसे हालात पैदा हो गया है। पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद के साथ इलाज की भी जरूरत है। - गोपाल बसु, पूर्व जिलाध्यक्ष भाजपा एससी एसटी गौतमबुद्धनगर

कस्बे के लोगों का कहना है कि इसको कोई भी सरकारी सहायता नहीं मिली है। जिसके चलते यह बेसहारा महिला अपने परिवार के साथ शौचालय में रहती है। हालात इतने बदतर है कि वह खुले में खाना बनाती व खाती है। इनके लिए तमाम सरकारी योजनाएं और घोषणाएं जमीनी हकीकत से कोसों दूर हैं और आम लोगों को इनका कोई भी लाभ नहीं मिल पा रहा है। शौचालय में रहने को मजबूर बेसहारा महिला इसी सिस्टम के मुंह पर करारा तमाचा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.